नयी दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने फ्लिपकार्ट को 1000 करोड़ रुपये का कारण बताओ नोटिस भेजा है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक फ्लिपकार्ट पर फेमा के उल्लघंन का आरोप है. इडी की ओर से फ्लिपकार्ट को 1000 करोड़ रुपये की पेनाल्टी का नोटिस भेजा गया है. इडी द्वारा फ्लिपकॉर्ट को नोटिस भेजना इस बात का संकेत है कि उसके आने वाले दिन मुश्किल भरे हो सकते हैं.
पिछले सप्ताह छह अक्तूबर को इ-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट ने अपनी वेबसाइट पर बिग मिलेनियम सेल का ऑफर दिया था, जिसमें उत्पादों को उसके अंकित मूल्य से भारी छूट देकर ग्राहकों को बेचा गया. इसके बाद खुदरा व्यापारियों ने खुद के व्यापारिक हितों का हवाला देते हुए केंद्रीय वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमन से मुलाकात की थी. उस समय सीतारमन ने पूरे मामले को देखने के बाद आवश्यक कदम उठाने का व्यापारियों को आश्वासन दिया था. अब इडी के द्वारा उठाये गये कदम को उसी घटनाक्रम की अगली कड़ी के रूप में देखा जा रहा है.
सूत्रों का कहना है कि इडी ने फ्लिपकार्ट पर सीधे रिटेल कारोबार करने का आरोप लगाया है. दरअसल, ई-कॉमर्स में सीधे रिटेल कारोबार की इजाजत नहीं है. फ्लिपकार्ट ने विदेशी सब्सिडियरी के जरिए भारत में निवेश किया है. फ्लिपकार्ट ने एफडीआइ के जरिए 18 करोड़ डॉलर जुटाए हैं. लेकिन ई-कॉमर्स के जरिए मल्टीब्रांड में एफडीआइ जुटाना फेमा का उल्लंघन माना जाता है.
सूत्नों की मानें तो इडी ने फ्लिपकार्ट के बिजनेस मॉडल को नियमों के खिलाफ बताया है. उधर, इडी को अमेजॉन के खिलाफ जांच में कुछ नहीं मिला है. इडी की जांच में यह बात सामने आयी है कि अमेजॉन सीधे रिटेल कारोबार नहीं करती और वो मार्केट प्लेस फॉर्मेट पर काम करती है.
क्या होगा फ्लिपकार्ट का भविष्य
भारत में कम ही समय में इ-कामर्स का पर्याय बन चुकी फ्लिपकार्ट के भविष्य को लेकर अटकलों का दौर शुरू हो गया है. 2007 में सचिन बंसल व बिन्नी बंसल नाम के दो युवाओं द्वारा शुरू की गयी कंपनी का नाम बच्चे-बच्चे की जुबान पर चढ़ चुका है. चार लाख रुपये से शुरू की गयी इस कंपनी में टाइगर ग्लोबल, एक्सल इंडिया आदि के जरिये भारी पूंजी निवेश हुआ है. पिछले साल इस कंपनी ने भारी निवेश जुटाया था.
10 हजार कर्मचारियों व एक बिलियन डॉलर पूंजी वाली इस कंपनी ने एक अन्य इ-कॉमर्स कंपनी मिंत्र का हाल में अधिग्रहण भी किया. पर, फ्लिपकार्ट पर जिस तरह फेमा नियमों के उल्लंघन का आरोप लगा है, उससे उसे आनेवाले दिनों में कारोबार करने में दिक्कतें आयेंगी. हाल में जब उसने विदेशों से बड़ी मात्र में पैसे जुटाये, तो बाजार पर नजर रखने वाले उसकी तुलना इन्फोसिस से कर रहे थे और यह उम्मीद जता रहे थे कि आने वाले दिनों में इस इ-कॉमर्स कंपनी का उसी तरह विस्तार होगा. लेकिन उस पर लगे ताजा आरोपों के बाद उसका भविष्य गर्द की गुबार में गुम होता दिखा रहा है.
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सूत्रों का कहना है कि इडी ने फ्लिपकार्ट पर सीधे रिटेल कारोबार करने का आरोप लगाया है. दरअसल, ई-कॉमर्स में सीधे रिटेल कारोबार की इजाजत नहीं है. फ्लिपकार्ट ने विदेशी सब्सिडियरी के जरिए भारत में निवेश किया है. फ्लिपकार्ट ने एफडीआइ के जरिए 18 करोड़ डॉलर जुटाए हैं. लेकिन ई-कॉमर्स के जरिए मल्टीब्रांड में एफडीआइ जुटाना फेमा का उल्लंघन माना जाता है.
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क्या होगा फ्लिपकार्ट का भविष्य
भारत में कम ही समय में इ-कामर्स का पर्याय बन चुकी फ्लिपकार्ट के भविष्य को लेकर अटकलों का दौर शुरू हो गया है. 2007 में सचिन बंसल व बिन्नी बंसल नाम के दो युवाओं द्वारा शुरू की गयी कंपनी का नाम बच्चे-बच्चे की जुबान पर चढ़ चुका है. चार लाख रुपये से शुरू की गयी इस कंपनी में टाइगर ग्लोबल, एक्सल इंडिया आदि के जरिये भारी पूंजी निवेश हुआ है. पिछले साल इस कंपनी ने भारी निवेश जुटाया था.
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क्या होगा फ्लिपकार्ट का भविष्य
भारत में कम ही समय में इ-कामर्स का पर्याय बन चुकी फ्लिपकार्ट के भविष्य को लेकर अटकलों का दौर शुरू हो गया है. 2007 में सचिन बंसल व बिन्नी बंसल नाम के दो युवाओं द्वारा शुरू की गयी कंपनी का नाम बच्चे-बच्चे की जुबान पर चढ़ चुका है. चार लाख रुपये से शुरू की गयी इस कंपनी में टाइगर ग्लोबल, एक्सल इंडिया आदि के जरिये भारी पूंजी निवेश हुआ है. पिछले साल इस कंपनी ने भारी निवेश जुटाया था.
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