डिजीटल टीम
पाकिस्तान की बौखालाहट आज उसके राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सरताज अजीज के प्रेस कान्फ्रेंस में साफ तौर पर दिखी. पाकिस्तान की इस बौखलाहट पर गौर करने से ऐसा आभाष होता है कि उसकी इस मनोदशा के तार हाल के कई घटनाक्रमों से जुडे हैं. मसलन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यूनाइटेड अरब अमिरात का सफल दौरा, दाउद इब्राहिम के पाकिस्तान में होने के प्रमाण वाले दस्तावेज का सार्वजनिक होना व पूर्व की सरकारों से उलट कश्मीर मुद्दे पर नरेंद्र मोदी सरकार का सख्त रुख.
सरताज अजीज की प्रेस कान्फ्रेंस की तीन अहम बातें
सरताज अजीज ने अपनी प्रेस कान्फ्रेंस में तमाम चीजों का जिक्र करने के अलावा दो-तीन ऐसी बातें कहीं जिसमें गहरे निहितार्थ हैं. ध्यान रहे कि सरताज अजीज सिर्फ पाकिस्तान के एनएसए ही नहीं हैं, बल्कि वे वहां के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के विदेश व कूटनीतिक मामलों के सलाहाकार भी हैं. ऐसे में उनके कहे शब्दों की अहमियत और बढ जाती है. सरताज अजीज ने कहा कि जब से भारत में नरेंद्र मोदी सरकार आयी है तब से वह अपनी शर्तों पर हमसे वार्ता करना चाहती है.
अजीज का यह बयान स्पष्ट संकेत देता है कि पाकिस्तान को लंबे अरसे बाद भारत सरकार के जबरदस्त कूटनीतिक दबाव का सामना करना पड रहा है. दूसरी बात उन्होंने कही कि हुर्रियत नेताओं की गिरफ्तारी से पाकिस्तान विचलित है और उन्हें हुर्रियत से अपनी प्रस्तावित मुलाकात को मामूली बात की संज्ञा दी. पाकिस्तान का विचलन तो स्वभाविक है, पर अजीज को यह स्पष्ट करना चाहिए था कि जिसे वे मामूली बात कहते हैं, उसको लेकर इतने उतावले व जिद्दी क्यों बने हुए हैं. मौजूदा सरकार पाकिस्तान को किसी हाल में पूर्व की सरकारों की तरह हुर्रियत नेताओं से मिलने की छूट नहीं देने वाली है. तीसरी बात यह कि पाकिस्तान को यह अहसास है कि उसे युद्ध विराम के उल्लंघन का भारत ठोस ढंग से जवाब दे रहा है. मीडिया रिपोर्ट भी बताती हैं कि सुरक्षा बलों का मनोबल उंचा है और उन्हें पाकिस्तान की हरकतों का शख्त से शख्त लहजे में जवाब देने की छूट है.
दाउद से जुडे दस्तावेज और पीएम नरेंद्र मोदी का यूएइ दौरा
भारत-पाकिस्तान के एनएसए स्तर की वार्ता से ठीक पहले पाकिस्तान में बसे-छिपे मोस्टवांटेड व दुनिया के खतरनाक आतंकियों की सूची में शामिल दाउद इब्राहिम से संबंधित खबरें मीडिया में आयीं. दस्तावेजों के आधार पर भारतीय मीडिया ने बताया कि मुंबई बम धमाकों का गुनाहगार दाउद इब्राहिम पाकिस्तान में रहता है. उसके दुबई आने जाने के दस्तावेज की भी खबरें आ रही हैं. यह खबरें आम है कि दुबई में दाउद इब्राहिम ने अपना काला धन बडी मात्रा में निवेश कर रखा है.
प्रधानमंत्री इसी सप्ताह के आरंभ में यूनाइटेड अरब अमिरात के दौरे से लौटे हैं.गौरतलब है कि प्रधानमंत्री का यह दौरा पहले नवंबर में प्रस्तावित था, जिसे बाद में बदलकर अगस्त में किया गया.मीडिया में आयी खबरों के अनुसार, पीएम ने अपने यूएइ दौरे में वहां के शासन से दाउद के संबंध में दस्तावेज दिये हैं और उसे जब्त करने व उसके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जिस गर्मजोशी से यूएइ में स्वागत हुआ, वह दाउद व पाकिस्तान के लिए चिंता की बात है. पीएम नरेंद्र मोदी ने दुबई में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए संकेत किया कि उनका उद्देश्य दाउद के खिलाफ कार्रवाई भी है. साथ ही उन्होंने पाकिस्तान का बिना नाम लिये आतंकवाद पर उसके रुख व सार्क सहयोग को बढाने में उसके द्वारा दिलचस्पी नहीं लिये जाने का जिक्र किया. उन्होंने साफ कर दिया कि पाकिस्तान (बिना नाम लिये) का गुड टेरेरिज्म, बेड टेरेरिज्म व गुड तालिबान, बेड तालिबान वाला जुमला अब नहीं चलेगा और उसे यह साफ करना होगा कि वह आतंकवाद के साथ खडा है या उसके खिलाफ.
पाकिस्तान में हमारे एनएसए अजीत डोभाल का डर
आइबी के पूर्व प्रमुख अजीत डोभाल का पाकिस्तान में एक तरह से खौफ है. यू ट्यूब पर पाकिस्तान मीडिया के भारत-पाकिस्तान मुद्दे पर केंद्रित टॉक शो वाले वीडियो में अजीत डोभाल का नाम पैनलिस्ट बार-बार लेते दिखते हैं और पाकिस्तान के प्रति स्टैंड व रणनीति की वे निंदा करते दिखते हैं. इससे यह साफ होता है कि पाकिस्तान के सिस्टम में अजीत डोभाल का भय है. अजीत डोभाल पाकिस्तान में कई सालों तक रहे हैं और वहां के तंत्र की बारीकियों को अच्छे से समझते हैं. हाल में पाकिस्तान मीडिया में यह भी चर्चा हो चुकी है कि उनके सुरक्षा सलाहकार सरताज अजीज भारतीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के सामने वार्ता के मेज पर कहां तक टिक सकेंगे. उनकी चिंता का कारण अजीत डोभाल का खुफिया बैकग्राउंड है, जो सरताज अजीज के पास नहीं है.
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सरताज अजीज की प्रेस कान्फ्रेंस की तीन अहम बातें
सरताज अजीज ने अपनी प्रेस कान्फ्रेंस में तमाम चीजों का जिक्र करने के अलावा दो-तीन ऐसी बातें कहीं जिसमें गहरे निहितार्थ हैं. ध्यान रहे कि सरताज अजीज सिर्फ पाकिस्तान के एनएसए ही नहीं हैं, बल्कि वे वहां के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के विदेश व कूटनीतिक मामलों के सलाहाकार भी हैं. ऐसे में उनके कहे शब्दों की अहमियत और बढ जाती है. सरताज अजीज ने कहा कि जब से भारत में नरेंद्र मोदी सरकार आयी है तब से वह अपनी शर्तों पर हमसे वार्ता करना चाहती है.
अजीज का यह बयान स्पष्ट संकेत देता है कि पाकिस्तान को लंबे अरसे बाद भारत सरकार के जबरदस्त कूटनीतिक दबाव का सामना करना पड रहा है. दूसरी बात उन्होंने कही कि हुर्रियत नेताओं की गिरफ्तारी से पाकिस्तान विचलित है और उन्हें हुर्रियत से अपनी प्रस्तावित मुलाकात को मामूली बात की संज्ञा दी. पाकिस्तान का विचलन तो स्वभाविक है, पर अजीज को यह स्पष्ट करना चाहिए था कि जिसे वे मामूली बात कहते हैं, उसको लेकर इतने उतावले व जिद्दी क्यों बने हुए हैं. मौजूदा सरकार पाकिस्तान को किसी हाल में पूर्व की सरकारों की तरह हुर्रियत नेताओं से मिलने की छूट नहीं देने वाली है. तीसरी बात यह कि पाकिस्तान को यह अहसास है कि उसे युद्ध विराम के उल्लंघन का भारत ठोस ढंग से जवाब दे रहा है. मीडिया रिपोर्ट भी बताती हैं कि सुरक्षा बलों का मनोबल उंचा है और उन्हें पाकिस्तान की हरकतों का शख्त से शख्त लहजे में जवाब देने की छूट है.
दाउद से जुडे दस्तावेज और पीएम नरेंद्र मोदी का यूएइ दौरा
भारत-पाकिस्तान के एनएसए स्तर की वार्ता से ठीक पहले पाकिस्तान में बसे-छिपे मोस्टवांटेड व दुनिया के खतरनाक आतंकियों की सूची में शामिल दाउद इब्राहिम से संबंधित खबरें मीडिया में आयीं. दस्तावेजों के आधार पर भारतीय मीडिया ने बताया कि मुंबई बम धमाकों का गुनाहगार दाउद इब्राहिम पाकिस्तान में रहता है. उसके दुबई आने जाने के दस्तावेज की भी खबरें आ रही हैं. यह खबरें आम है कि दुबई में दाउद इब्राहिम ने अपना काला धन बडी मात्रा में निवेश कर रखा है.
प्रधानमंत्री इसी सप्ताह के आरंभ में यूनाइटेड अरब अमिरात के दौरे से लौटे हैं.गौरतलब है कि प्रधानमंत्री का यह दौरा पहले नवंबर में प्रस्तावित था, जिसे बाद में बदलकर अगस्त में किया गया.मीडिया में आयी खबरों के अनुसार, पीएम ने अपने यूएइ दौरे में वहां के शासन से दाउद के संबंध में दस्तावेज दिये हैं और उसे जब्त करने व उसके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जिस गर्मजोशी से यूएइ में स्वागत हुआ, वह दाउद व पाकिस्तान के लिए चिंता की बात है. पीएम नरेंद्र मोदी ने दुबई में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए संकेत किया कि उनका उद्देश्य दाउद के खिलाफ कार्रवाई भी है. साथ ही उन्होंने पाकिस्तान का बिना नाम लिये आतंकवाद पर उसके रुख व सार्क सहयोग को बढाने में उसके द्वारा दिलचस्पी नहीं लिये जाने का जिक्र किया. उन्होंने साफ कर दिया कि पाकिस्तान (बिना नाम लिये) का गुड टेरेरिज्म, बेड टेरेरिज्म व गुड तालिबान, बेड तालिबान वाला जुमला अब नहीं चलेगा और उसे यह साफ करना होगा कि वह आतंकवाद के साथ खडा है या उसके खिलाफ.
पाकिस्तान में हमारे एनएसए अजीत डोभाल का डर
आइबी के पूर्व प्रमुख अजीत डोभाल का पाकिस्तान में एक तरह से खौफ है. यू ट्यूब पर पाकिस्तान मीडिया के भारत-पाकिस्तान मुद्दे पर केंद्रित टॉक शो वाले वीडियो में अजीत डोभाल का नाम पैनलिस्ट बार-बार लेते दिखते हैं और पाकिस्तान के प्रति स्टैंड व रणनीति की वे निंदा करते दिखते हैं. इससे यह साफ होता है कि पाकिस्तान के सिस्टम में अजीत डोभाल का भय है. अजीत डोभाल पाकिस्तान में कई सालों तक रहे हैं और वहां के तंत्र की बारीकियों को अच्छे से समझते हैं. हाल में पाकिस्तान मीडिया में यह भी चर्चा हो चुकी है कि उनके सुरक्षा सलाहकार सरताज अजीज भारतीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के सामने वार्ता के मेज पर कहां तक टिक सकेंगे. उनकी चिंता का कारण अजीत डोभाल का खुफिया बैकग्राउंड है, जो सरताज अजीज के पास नहीं है.
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सरताज अजीज की प्रेस कान्फ्रेंस की तीन अहम बातें
सरताज अजीज ने अपनी प्रेस कान्फ्रेंस में तमाम चीजों का जिक्र करने के अलावा दो-तीन ऐसी बातें कहीं जिसमें गहरे निहितार्थ हैं. ध्यान रहे कि सरताज अजीज सिर्फ पाकिस्तान के एनएसए ही नहीं हैं, बल्कि वे वहां के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के विदेश व कूटनीतिक मामलों के सलाहाकार भी हैं. ऐसे में उनके कहे शब्दों की अहमियत और बढ जाती है. सरताज अजीज ने कहा कि जब से भारत में नरेंद्र मोदी सरकार आयी है तब से वह अपनी शर्तों पर हमसे वार्ता करना चाहती है.
अजीज का यह बयान स्पष्ट संकेत देता है कि पाकिस्तान को लंबे अरसे बाद भारत सरकार के जबरदस्त कूटनीतिक दबाव का सामना करना पड रहा है. दूसरी बात उन्होंने कही कि हुर्रियत नेताओं की गिरफ्तारी से पाकिस्तान विचलित है और उन्हें हुर्रियत से अपनी प्रस्तावित मुलाकात को मामूली बात की संज्ञा दी. पाकिस्तान का विचलन तो स्वभाविक है, पर अजीज को यह स्पष्ट करना चाहिए था कि जिसे वे मामूली बात कहते हैं, उसको लेकर इतने उतावले व जिद्दी क्यों बने हुए हैं. मौजूदा सरकार पाकिस्तान को किसी हाल में पूर्व की सरकारों की तरह हुर्रियत नेताओं से मिलने की छूट नहीं देने वाली है. तीसरी बात यह कि पाकिस्तान को यह अहसास है कि उसे युद्ध विराम के उल्लंघन का भारत ठोस ढंग से जवाब दे रहा है. मीडिया रिपोर्ट भी बताती हैं कि सुरक्षा बलों का मनोबल उंचा है और उन्हें पाकिस्तान की हरकतों का शख्त से शख्त लहजे में जवाब देने की छूट है.
दाउद से जुडे दस्तावेज और पीएम नरेंद्र मोदी का यूएइ दौरा
भारत-पाकिस्तान के एनएसए स्तर की वार्ता से ठीक पहले पाकिस्तान में बसे-छिपे मोस्टवांटेड व दुनिया के खतरनाक आतंकियों की सूची में शामिल दाउद इब्राहिम से संबंधित खबरें मीडिया में आयीं. दस्तावेजों के आधार पर भारतीय मीडिया ने बताया कि मुंबई बम धमाकों का गुनाहगार दाउद इब्राहिम पाकिस्तान में रहता है. उसके दुबई आने जाने के दस्तावेज की भी खबरें आ रही हैं. यह खबरें आम है कि दुबई में दाउद इब्राहिम ने अपना काला धन बडी मात्रा में निवेश कर रखा है.
प्रधानमंत्री इसी सप्ताह के आरंभ में यूनाइटेड अरब अमिरात के दौरे से लौटे हैं.गौरतलब है कि प्रधानमंत्री का यह दौरा पहले नवंबर में प्रस्तावित था, जिसे बाद में बदलकर अगस्त में किया गया.मीडिया में आयी खबरों के अनुसार, पीएम ने अपने यूएइ दौरे में वहां के शासन से दाउद के संबंध में दस्तावेज दिये हैं और उसे जब्त करने व उसके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जिस गर्मजोशी से यूएइ में स्वागत हुआ, वह दाउद व पाकिस्तान के लिए चिंता की बात है. पीएम नरेंद्र मोदी ने दुबई में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए संकेत किया कि उनका उद्देश्य दाउद के खिलाफ कार्रवाई भी है. साथ ही उन्होंने पाकिस्तान का बिना नाम लिये आतंकवाद पर उसके रुख व सार्क सहयोग को बढाने में उसके द्वारा दिलचस्पी नहीं लिये जाने का जिक्र किया. उन्होंने साफ कर दिया कि पाकिस्तान (बिना नाम लिये) का गुड टेरेरिज्म, बेड टेरेरिज्म व गुड तालिबान, बेड तालिबान वाला जुमला अब नहीं चलेगा और उसे यह साफ करना होगा कि वह आतंकवाद के साथ खडा है या उसके खिलाफ.
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आइबी के पूर्व प्रमुख अजीत डोभाल का पाकिस्तान में एक तरह से खौफ है. यू ट्यूब पर पाकिस्तान मीडिया के भारत-पाकिस्तान मुद्दे पर केंद्रित टॉक शो वाले वीडियो में अजीत डोभाल का नाम पैनलिस्ट बार-बार लेते दिखते हैं और पाकिस्तान के प्रति स्टैंड व रणनीति की वे निंदा करते दिखते हैं. इससे यह साफ होता है कि पाकिस्तान के सिस्टम में अजीत डोभाल का भय है. अजीत डोभाल पाकिस्तान में कई सालों तक रहे हैं और वहां के तंत्र की बारीकियों को अच्छे से समझते हैं. हाल में पाकिस्तान मीडिया में यह भी चर्चा हो चुकी है कि उनके सुरक्षा सलाहकार सरताज अजीज भारतीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के सामने वार्ता के मेज पर कहां तक टिक सकेंगे. उनकी चिंता का कारण अजीत डोभाल का खुफिया बैकग्राउंड है, जो सरताज अजीज के पास नहीं है.
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