कभी बिजनेस की एबीसीडी तक नहीं जानने वाले 36 वर्षीय कुंवर शंकर नाग आज एक सफल कारोबारी हैं. सफलता यूं ही नहीं मिली. विपरीत परिस्थितियों से जूझने के बाद यह मुकाम हासिल किया है. तब जाकर कुंवर शंकर नाग लोगों के लिए प्रेरणास्रोत बने हैं.
विपरीत परिस्थितियों से लड़कर खुद को संभालना और कामयाबी हासिल करना हर किसी के लिए संभव नहीं है. लेकिन, हौसले बुलंद हों, तो कुछ भी असंभव नहीं है. कभी बिजनेस की एबीसीडी तक नहीं जानने वाले 36 वर्षीय कुंवर शंकर नाग ने बुलंद हौसले के दम पर ही सफल व्यवसायी के रूप में अपनी पहचान बनाई है.
वर्ष 2016 में की वीणा सप्लाई एंड ट्रेड कंपनी की स्थापना
कुंवर शंकर नाग ने वीणा सप्लाई एंड ट्रेडर नाम से एक कंपनी की स्थापना की है. वर्ष 2016 में उन्होंने इसकी शुरुआत की. उस समय उनकी उम्र महज 29 साल थी. स्कूल लाइफ से ही उन्होंने बिजनेस के क्षेत्र में करियर बनाने का सपना देखा था. कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद कंपनी की शुरुआत की.
कड़ी मेहनत के दम पर कुंवर शंकर नाग ने खड़ा किया बड़ा बिजनेस
कंपनी को खड़ा करने के लिए जमशेदपुर के कुंवर शंकर नाग ने कड़ी मेहनत की. मेहनत के दम पर किस्मत ने करवट ली और सब कुछ बदल गया. वर्ष 2016 में ही टिनप्लेट कंपनी में उन्हें 4 लाख की बेंच-डेस्क व फाइल आदि सप्लाई करने का पहला काम मिल गया. इसके बाद निरंतर 9-10 लाख के काम मिलते रहे. आज उनकी कंपनी का एक-एक वर्क ऑर्डर 40 से 50 लाख रुपए का होता है. उनकी कंपनी में 15 लोग काम कर रहे हैं.
बिजनेस को शुरू करने के लिए बहन ने दी थी 50 हजार की पूंजी
कुंवर नाग बताते हैं कि वर्ष 2016 में उन्होंने कंपनी को टिनप्लेट में रजिस्टर कराया था. उसी साल जब पहला वर्क ऑर्डर मिला, तो उनके पास कोई पूंजी नहीं थी. उनकी छोटी बहन बीना नाग ने 50 हजार रुपए की पूंजी दी. उसी 50 हजार रुपए से उन्होंने अपना कारोबार शुरू किया. आज उनकी कंपनी का सालाना टर्न ओवर 60-70 लाख रुपए का है. उनकी कंपनी अब ओपेन मार्केट में भी सक्रिय है.
हुरलुंग गांव में चला रहे डेयरी
कुंवर नाग मल्टी बिजनेस में अपनी धाक जमाना चाहते हैं. इसलिए शहर से सटे हुरलुंग गांव में अपने दादाजी के नाम पर जयमंगल डेयरी चला रहे हैं. फिलहाल, इस डेयरी में 15 गायें हैं. इनसे वे रोजाना 55 किलो दूध की सप्लाई स्थानीय कॉलोनियों में करते हैं. साथ में पनीर व घी का भी कारोबार करते हैं. इससे भी सालाना अच्छी आमदनी हो जाती है. डेयरी के साथ पनीर व घी के कारोबार को वर्ष 2024 में और बड़ा करने की योजना है.
कुंवर ने कंप्यूटर साइंस में किया है इंजीनियरिंग
कुंवर शंकर नाग ने चेन्नई से वर्ष 2009 में कंप्यूटर इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. उसके बाद दिल्ली से एमबीए (2013) की पढ़ाई भी की. जमशेदपुर पब्लिक स्कूल से वर्ष 2003 में मैट्रिक की परीक्षा पास करने वाले कुंवर शंकर के पिता टाटा कंपनी से रिटायर हो चुके हैं. शंकर के छोटे भाई दशरथ नाग डॉक्टर हैं. मूल रूप से पश्चिमी सिंहभूम के कुमारडुंगी ब्लॉक के कुमीरता गांव के रहने वाले नाग अभी बिरसानगर के विजया गार्डन में सपरिवार रहते हैं.
Jamshedpur News : भारत रत्न के लिए उपयुक्त नाम है दिशोम गुरु शिबू सोरेन : संदीप मुरारका
Jamshedpur News : सीजीपीसी कार्यालय में शिबू सोरेन को दी गयी श्रद्धांजलि
Jamshedpur News : गुरुजी से राजनीतिक नहीं, पारिवारिक रिश्ता : आभा महतो
Jamshedpur News : झारखंड गुरुजी को कभी नहीं भूल पायेगा : राजकुमार सिंह