सुप्रीम कोर्ट ने करीब 30 सप्ताह की गर्भावस्था वाली 14 वर्षीय कथित बलात्कार पीड़िता को चिकित्सीय गर्भपात कराने की अनुमति दे दी. प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने किसी भी मामले में पूर्ण न्याय देने के लिए आवश्यक आदेश पारित करने का अधिकार देने वाले संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए मुंबई के सायन स्थित लोकमान्य तिलक महानगरपालिका सर्वसाधारण रुग्णालय एवं वैद्यकीय महाविद्यालय (एलटीएमजीएच) के डीन को निर्देश दिया कि वह नाबालिग के गर्भपात के लिए चिकित्सकों के दल का तत्काल गठन करें. उसने नाबालिग के गर्भ को चिकित्सकीय रूप से समाप्त करने का अनुरोध करने वाली याचिका को खारिज करने के बंबई उच्च न्यायालय के आदेश को भी रद्द कर दिया. यह याचिका पीड़िता के पिता ने दायर की थी.
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