Bihar Chunav 2025: सीमांचल की सीटों पर फिर नजरें टिकाएगी AIMIM, 2020 में मिली थी 5 सीटें, फिर लड़ सकती है अकेले चुनाव

Bihar Chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने महागठबंधन में शामिल होने की इच्छा जताई है. पार्टी ने राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद को पत्र लिखकर साथ आने की पेशकश की है, ताकि सेकुलर वोटों का बिखराव रोका जा सके.

By Paritosh Shahi | July 5, 2025 3:23 PM
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Bihar Chunav 2025, मिथिलेश: बिहार विधानसभा चुनाव की तिथियां ज्यों ज्यों करीब आती जा रही है, प्रदेश का राजनीतिक तापमान गर्म होने लगा है. पार्टियों की गोलबंदी और वोटरों को लुभाने की कोई कोशिश राजनीतिक दल नहीं छोड़ रहे. पूर्व केंद्रीय मंत्री और पिछले लोकसभा चुनाव में एनडीए से अलग थलग हुए पशुपति कुमार पारस की पार्टी राष्ट्रीय लोकजनशक्ति पार्टी ने महागठबंधन की ओर आने का संकेत दिया है.

इसी कड़ी में बिहार की राजनीति में दस्तक दे चुकी एक और दल असुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद को पत्र लिख कर अपनी पार्टी को महागठबंधन का हिस्सा बनाने की इच्छा जतायी है

फिलहाल ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के एक मात्र विधायक अख्तारूल ईमान हैं जो प्रदेश अध्यक्ष भी हैं. 2020 के विधानसभा चुनाव में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने सीमांचल की 14 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़ा किया था. इनमें से उसे पांच सीटों पर जीत हासिल हुई थी. यह वही सीटें थीं जहां मुस्लिम आबादी अधिक है. बाद के दिनों में पार्टी के चार विधायक राजद में शामिल हो गये.

पहले भी लोकसभा और विधानसभा चुनाव साथ मिल कर लड़ने की जता चुके हैं इच्छा

लोकसभा महागठबंधन में शामिल होने को लेकर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रदेश अध्यक्ष अख्तारूल ईमान कहते हैं, हमने 2024 के लोकसभा और इसके पहले हुए विधानसभा चुनाव में भी साथ लड़ने की इच्छा जतायी थी. लेकिन,वो सफल नहीं हो पाये. पार्टी का मानन है कि सेकुलर मतों के बिखराव को रोकने के लिए मिल कर चुनाव मैदान में उतरना जरूरी है.

क्यों महागठबंधन की हिस्सा बनना चाहती है एआइएमआइएम

एआइएमआइएम के उपर अब तक विपक्षी पार्टियां भाजपा की बी टीम होने का आरोप लगाती रही है. पिछले लोकसभा चुनाव में अल्पसंख्यक मतदाताओं का झुकाव भाजपा विरोधी उम्मीदवारों की ओर रहा था. ओवैसी अल्पसंख्यकों को भरोसा दिलाना चाहते हैं कि वह पूरी तरह उनके साथ हैं. ऐसे में अल्पसंख्यक मतदाताओं में कोई भ्रम की गुंजाइश नहीं रहेगी.

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राजद ने नहीं दिया लिफ्ट तो क्या करेगा एआइएमआइएम

यदि राजद ने साथ आने की सहमति नहीं दी तो एआइएमआइएम के सामने दूसरे विकल्प खुले होंगे. पार्टी सेकुलर मतों के बिखराव का ठभ्करा राजद पर फोड़ अपनी इमेत सुधारने की कोशिश करेगी. अब तक एआइएमआइएम बिहार में मुसलमानों के हित में काम नहीं करने का आरोप दोनों गठबंधनों पर लगाता रहा है. राजद ने तालमेल की सहमति दी तो निश्चित रूप से एआइएमआइएम अपनी उन सभी सीटों को हासिल करने की कोशिश करेगा, जिन पर 2020 के चुनाव में उसे जीत मिली थी.

2020 के विधानसभा चुनाव में उपेंद्र कुशवाहा और बसपा के साथ चुनाव मैदान में गया था एआइएमआइएम

एआइएमआइएम ने 2020 के विधानसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की बहुजन समाज पार्टी (BSP) और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा की अध्यक्षता वाली तत्कालीन राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था.

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