वीरांगना फूलन देवी की शहादत दिवस पर आयोजित इस श्रद्धांजलि सभा ने महागठबंधन के भीतर नए समीकरणों को हवा दी. मंच पर हाथ में हाथ डाले तेजस्वी और सहनी ने न सिर्फ एकता का प्रदर्शन किया, बल्कि एक स्पष्ट संदेश भी दिया कि अगली लड़ाई साझे नेतृत्व के साथ लड़ी जाएगी.
बीते 20 सालों से हालात जस के तस
तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “बिहार में बीते 20 सालों से नीतीश कुमार की सरकार है, लेकिन हालात जस के तस हैं. बेरोजगारी, महंगाई और पलायन बढ़ा है, किसानों की आमदनी घटी है. अब बिहार को एक नया नेतृत्व चाहिए जो विकास का नया रोडमैप पेश कर सके. हमारे पास विजन भी है और मिशन भी.”
”उन्होंने हमारे 4 विधायक छीन लिए, हम 40 छीनेंगे”
वहीं मुकेश सहनी ने अपने संबोधन में निषाद समाज की उपेक्षा को मुद्दा बनाते हुए कहा कि “अब मल्लाह समाज सिर्फ नाव चलाने वाला नहीं रहा, अब ये समाज सत्ता भी चला सकता है. उन्होंने हमारे 4 विधायक छीन लिए, हम 40 छीनेंगे. ये सिर्फ चुनाव नहीं, सम्मान की लड़ाई है. ” उन्होंने निषाद समाज के आरक्षण की मांग को फिर से उठाते हुए सवाल किया कि जब अन्य राज्यों में मल्लाहों को आरक्षण मिल सकता है तो बिहार, यूपी और झारखंड में क्यों नहीं?
अन्याय के खिलाफ हथियार भी उठा सकती हैं महिलाएं
सहनी ने वीरांगना फूलन देवी के योगदान को याद करते हुए कहा, “फूलन देवी ने साबित किया कि महिलाएं सिर्फ चूड़ियां पहनने के लिए नहीं होतीं, जरूरत पड़ने पर वे अन्याय के खिलाफ हथियार भी उठा सकती हैं.” उन्होंने कहा कि वीआईपी पार्टी का हर कार्यकर्ता फूलन देवी के सपनों के लिए लड़ता रहेगा.
Also Read: तेजप्रताप ने RJD पार्टी और परिवार वालों को किया अनफॉलो, बहन मीसा, राज लक्ष्मी से भी बनाई डिजिटल दूरी