Bihar Election 2025: बिहार वोटर लिस्ट रिवीजन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज, 9 पार्टियों ने किया है विरोध

Bihar Election 2025: विधानसभा चुनाव से पहले बिहार विशेष मतदाता पुनरीक्षण अभियान चलाया जा रहा है. जिसका विरोध करीब 9 पार्टियों ने किया. आज इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. बता दें कि, 5 जुलाई को ही एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने याचिका दायर की थी.

By Preeti Dayal | July 10, 2025 3:22 PM
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Bihar Election 2025: बिहार में विधानसभ चुनाव साल के अंत में होने वाले हैं. इससे विशेष मतदाता पुनरीक्षण अभियान चलाया जा रहा है ताकि निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से चुनाव सम्पन्न हो सके. इस बीच चुनाव आयोग के इस एक्शन का पूरे 9 पार्टियों ने विरोध किया. कई विपक्षी दलों ने वोटर लिस्ट रिविजन को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. वहीं,आज ही इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई भी होगी. बता दें कि, 5 जुलाई को ही एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने याचिका दायर की थी.

विपक्षी पार्टियों ने किया था प्रदर्शन

बता दें कि, निर्वाचन आयोग के आदेश को रद्द करने की मांग विपक्षी पार्टियों की ओर से की गई थी. दायर किए गए याचिका में कहा गया कि, आयोग का यह फैसला संविधान के अनुच्छेद 14, 19, 21, 325 और 326 के साथ जनप्रतिनिधित्व कानून 1950 के साथ-साथ रजिस्ट्रेशन ऑफ इलेक्टर्स रूल 1960 के नियम 21A का उल्लंघन करता है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी, राजद नेता तेजस्वी यादव के साथ-साथ कई अन्य दलों के नेताओं ने वोटर लिस्ट रिविजन के विरोध में जमकर प्रदर्शन किया था. जिसके बाद आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है.

चुनाव आयोग का आदेश

चुनाव आयोग की ओर से जून महीने में आदेश दिया गया था कि, प्रत्येक मतदाता को अपना यानी कि व्यक्तिगत गणना फॉर्म जमा करना होगा. साफ यह बताया गया कि, 1987 के बाद जन्म लिए और 1 जनवरी 2003 के बाद वोटर लिस्ट में जुड़े लोगों को अपना बर्थ सर्टिफिकेट, पासपोर्ट या फिर किसी भी एजुकेशनल सर्टिफिकेट को जमा करके अपनी नागरिकता का प्रमाण दे सकते हैं. साफ तौर से वोटर लिस्ट में नाम शामिल करने के लिए बर्थ डेट और जगह का प्रमाण देने के लिए चुनाव आयोग की ओर से जुलाई 1987 की कट ऑफ डेट तय की गई है.

विपक्षी पार्टियों ने उठाए सवाल

इसके अलावा जब चुनाव आयोग की 9 सदस्यीय टीम ने राजधानी पटना में बैठक की थी, तब दावा किया गया था कि, बिहार के जितने भी वैलिड वोटर होंगे, उनके नाम लिस्ट से नहीं हटेंगे. हालांकि, विदेशी घुसपैठियों के साथ-साथ गलत तरीके से वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने वाले हटेंगे. इसके बाद से कई विपक्षी पार्टियों ने चुनाव आयोग के इस आदेश का विरोध किया. कई तरह के सवाल उठाए गए. कल ही बिहार में विपक्षी दलों का जमकर प्रदर्शन हुआ. ऐसे में आज सु्प्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान क्या कुछ होता है, इस पर नजरें टिकी हुई है.

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