मैं पीड़ा से राजनीति में आया, संघर्ष कर रहा हूं
बातचीत के दौरान सम्राट चौधरी ने राजद चीफ लालू यादव पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि मेरी राजनीतिक पैदाइश ही नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाने के लिए हुई. मैं तो राजनीति में आता ही नहीं. जब लालू यादव तत्कालीन मुख्यमंत्री थे. अगर उन्होने हमें जेल नहीं भेजा होता, तो मैं राजनीति में आता ही नहीं. लालू यादव पर हमला बोलते हुए सम्राट चौधरी ने कहा कि पहले राजा आए, फिर रानी लाए, फिर राजकुमार लाए, राजकुमारी लाए. यही लालू जी का पॉलिटिकल कॉन्सेप्ट है. उनके लिए बिहार के विकास का कोई मॉडल नहीं है, लेकिन मेरी राजनीति स्पष्ट है, अगर 1995 में लालूजी ने मेरे परिवार के 22 लोगों को जेल में नहीं डाला होता, तो मैं राजनीति में भी नहीं आता. मैं तो 3 साल केस लड़ता रहा. जिस ने मच्छर भी नहीं मारा होगा. मेरे ऊपर लालू यादव ने 17 मर्डर केस डाले. मैं पीड़ा से भी राजनीति में आया हूं, और संघर्ष भी करता हूं.
मैं नीतीश कुमार का सबसे करीबी
एंटी नीतीश पॉलिटिक्स के सवाल के जवाब में सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार की राजनीति घूमती रहती है. कभी हम सत्ता में होते, कभी विपक्ष में होते हैं. जब हम नीतीश जी के खिलाफ में थे, तो उनके खिलाफ लड़ता था. आज समर्थन में हैं, तो सबसे पहले सम्राट चौधरी उनकी पीठ पीछे खड़ा है. इसमें कहां कोई संशय है. लालू बताएं वो नीतीश के पीछे क्यों जाते हैं. बिहार को नीतीश कुमार ने बनाया है, जिसमें कोई मतभेद नहीं है. लालू यादव को भी बड़ा मौका मिला था. 15 साल खुद सीएम रहे, और फिर अपने मुखौटा को 8 साल रखा, लेकिन बिहार में कुछ नहीं किया. वो कहते हैं सामाजिक न्याय काम किया, लेकिन सामाजिक न्याय का मतलब ये थोड़े ही होता है, कि कोई राजा बन जाए. वो आए थे गरीब का बेटा बनकर और सत्ता में बैठकर राजा हो गए.
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