पासमांदा अब भी कई पार्टियों से दूर
बिहार विधान सभा की बात करें,तो सामान्य मुस्लिम वर्ग के नेताओं की संख्या काफी है. बिहार में प्रथम विधानमंडल 1952-1957 से लेकर 2020 -2025 तक कुल 4971 विधायक निर्वाचित हुये है. इनमें से 7.38 प्रतिशत औसत की दर से कुल 367 मुस्लिम विधायक सदस्य हुये. यह मुस्लिम आबादी के17.70 प्रतिशत के सापेक्ष बहुत कम है. बिहार में कुल निर्वाचित मुस्लिम विधायकों के जातिवार विश्लेषण मुस्लिम समाज की समाजियात की असलियत को उजागर करता है.
2020 के चुनाव में 18 मुस्लिम विधायक जीते, जिसमें सिर्फ एक अति पिछड़ा वर्ग से
2020 विधानसभा चुनाव में मुस्लिम विधायकों की संख्या 18 थी, जिसमें 17 सामान्य वर्ग और एक पिछड़ा वर्ग से जीतकर आये थे. अगर पार्टी के मुताबिक जीते विधायकों की संख्या देखें, तो जीतने वाले सामान्य वर्ग के विधायकों में शमीम अहमद राजद, अब्दुल रहमान कांग्रेस, शाहनवाज एआइएमएम, मो अंजार नईमी एआइएमएम,सऊद आलम राजद, इजराइल हुसैन कांग्रेस, मो इजहार अस्फी एआइएमएम, अख्तरुल इमान एआइएमएम, सैयद रुकनुद्दीन अहमद एआइएमएम, मो अफाक आलम-कांग्रेस, शकील अहमद खान-कांग्रेस , महबूब आलम-भाकपा माले, युसूफ सहाउददीन-राजद, अली असरफ सिद्दीकी – राजद, मो जमा खान-बसपा, मो नेहालुदीन-राजद, मो कामरान- राजद से थे. वहीं, महज एक विधायक मो इसराइल मंसूरी राजद से जीतकर आये है, जो पिछड़ा वर्ग से है.
क्या बोले अध्यक्ष
इस मुद्दे पर अली पसमांदा मुस्लिम समाज के अध्यक्ष अनवर अंसारी ने कहा कि पसमांदा समाज की आबादी और वोट सबसे अधिक है. सारी पार्टियां वोट भी लेती है. लेकिन, जब टिकट बटवारे की बात आती है तो पैसे वाले और सामान्य वर्ग के नेताओं को तरजीह मिलती हैँ.
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1952 से 2020 तक बिहार में कांग्रेस से हुये सबसे अधिक विधायक
पार्टी – विधायक- सामान्य वर्ग- पसमांदा
कांग्रेस- 188- 153- 35
जनता दल- 42- 31- 11
राजद- 51- 42- 9
जदयू- 20- 19- 1
एआइएमआइएम- 5- 5- 00
बसपा- 2- 2- 00
एसपी- 2- 2- 00
एनसीपी- 3- 3- 00
लोजपा- 3- 3- 00
सीपीआइ- 14- 14- 00
सीपीएम- 3- 3- 00
भाजपा- 1- 1- 00
अन्य- 33- 26- 7
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