Bihar Politics: बिहार में कानून व्यवस्था को लेकर एक बार फिर सियासी बयानबाजी तेज हो गई है. केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने राज्य में बढ़ते अपराध को लेकर बिहार सरकार को कठघरे में खड़ा किया है. उन्होंने साफ कहा कि बिहार में हत्या, लूट, अपहरण और बलात्कार की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रहीं और प्रशासन अपराधियों के सामने नतमस्तक हो चुका है.
एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में चिराग पासवान ने कहा, “एक के बाद एक जिस तरह से आपराधिक घटनाओं की श्रृंखला बन गई है, उससे साफ है कि बिहार में कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी है. ऐसा लग रहा है मानो राज्य में कोई सरकार है ही नहीं. प्रशासन अपराधियों के आगे लाचार है और जनता असुरक्षित महसूस कर रही है.”
चुनाव से पहले बढ़ी घटनाएं, प्रशासन बना तमाशबीन
बढ़ती आपराधिक घटनाओं को लेकर चिराग ने चुनावी साजिश की आशंका जताई, लेकिन इसके लिए भी सीधे तौर पर राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा, “मैं मानता हूं कि चुनाव की वजह से इन घटनाओं में इजाफा हुआ है, लेकिन क्या प्रशासन को इसकी जानकारी नहीं होनी चाहिए? क्या ऐसे वक्त पर सतर्कता नहीं बरतनी चाहिए? प्रशासन पूरी तरह निकम्मा हो गया है. बिहार और बिहारियों की सुरक्षा इनसे नहीं हो पा रही है.”
SIR और चुनाव बहिष्कार पर विपक्ष को दी खुली चुनौती
SIR (Special Investigation Rights) को लेकर विपक्षी दलों द्वारा फैलाए जा रहे भ्रम पर भी चिराग ने दो टूक जवाब दिया. उन्होंने कहा, “तेजस्वी यादव जैसे नेता चुनाव बहिष्कार की बात कर रहे हैं, तो मैं कहता हूं अगर उनमें हिम्मत है तो करके दिखाएं. ये वही लोग हैं जो अकेले चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं रखते. लोकसभा चुनाव के दौरान इन्होंने आरक्षण खत्म होने, संविधान बदलने जैसी बातें की थीं, क्या वैसा हुआ?”
उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वह बार-बार जनता को डराने की राजनीति करता है. “CAA के समय भी यही डर फैलाया गया था. अब SIR के नाम पर भ्रम फैला रहे हैं. लेकिन जनता समझ चुकी है कि इनके पास न नीतियां हैं, न नेतृत्व.”
“मेरे बिहार में कुछ गलत हो और मैं चुप रहूं, ऐसा नहीं हो सकता”
जब चिराग से पूछा गया कि वे अपनी ही सरकार पर सवाल क्यों उठा रहे हैं, तो उन्होंने बेबाकी से जवाब देते हुए कहा, “कानून व्यवस्था राज्य सरकार का विषय है. केंद्र सरकार में मंत्री होने के बावजूद अगर मेरे बिहार में कुछ गलत हो रहा है और मैं चुप रहूं, तो यह मेरे जमीर के खिलाफ होगा.”
उन्होंने कहा कि “किसी भी हाल में जनता की सुरक्षा से समझौता नहीं किया जा सकता. अगर राज्य सरकार अपराधियों पर नकेल कसने में विफल हो रही है, तो सवाल तो उठेंगे ही. राज्य में चुनाव के चलते अपराध बढ़े हैं, लेकिन उसे नियंत्रित करना पूरी तरह से राज्य सरकार की जिम्मेदारी है.”
नीतीश सरकार पर चिराग की सीधी चोट
यह पहला मौका नहीं है जब चिराग पासवान ने नीतीश सरकार को निशाने पर लिया हो, लेकिन इस बार उन्होंने कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर खुलकर हमला बोला है. जहां एक ओर वो केंद्र में मोदी कैबिनेट का हिस्सा हैं, वहीं दूसरी ओर राज्य में एनडीए की सरकार पर गंभीर सवाल खड़े कर रहे हैं.
इससे स्पष्ट है कि चिराग पासवान अब खुद को केवल सहयोगी दल के नेता के रूप में नहीं, बल्कि जनता के प्रतिनिधि के तौर पर स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं. जो न सिर्फ सत्ता की भागीदारी चाहता है, बल्कि जिम्मेदारी भी निभाना जानता है.
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