सब मौन रहे तब अभिमन्यु चक्रव्यूह में कूदा
लोजपा, रामविलास के सांसद अरूण भारती ने फेसबुक पर लिखा कि पितामह भीष्म, महाराज धृतराष्ट्र, महारानी गंधारी और महाराज शकुनी जैसे सब मौन रहे, तब अभिमन्यु, जिसमें अनुभव की कमी थी, चक्रव्यूह में कूदा. क्योंकि समय का मान रखने के लिए अनुभव नहीं, नव-संकल्प चाहिए.
हर युद्ध में अभिमन्यु शहीद होता है: ई नंदलाल
उस पर पलटवार करते हुएजीतन राम मांझी की पार्टी हम के राष्ट्रीय प्रवक्ता ई नंदलाल मांझी ने एक्स पर जवाब में लिखा, राजा ने एक बंदर को अपनी सुरक्षा में रखा. चूंकि बंदर अनुभवहीन था, इसलिए राजा को मक्खी से बचाने के लिए उसने राजा की ही गर्दन काट ली. इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि अपने आसपास हमेशा अनुभवी लोगों को रखना चाहिए. यह भी लिखा है कि वैसे इतिहास गवाह है, हर युद्ध में अभिमन्यु शहीद ही होता है.
गठबंधन धर्म निभाने की मांझी दे चुके हैं नसीहत
एनडीए के घटक लोजपा, रामविलास के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान बिहार में कानून व्यवस्था पर लगातार सवाल उठा रहे हैं. इससे पहले खुद के साथ सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का बयान देते रहे हैं. चिराग के कानून व्यवस्था पर उठाये गये सवाल पर केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने प्रतिक्रिया दी थी. कहा था कि गठबंधन में रहकर गुड़ खाना और गुड़अम्मे से परहेज यह ठीक नहीं है. लॉ एंड ऑर्डर पर सवाल उठाना आसान है, लेकिन गठबंधन धर्म का पालन करना ज्यादा भी मुश्किल नहीं.
अधिक सीटों की चाहत में जुबानी जंग
चिराग पासवान और हम पार्टी के बीच सियासी अदावत के कई कारण हैं. इसकी शुरूआत लोकसभा चुनाव से ही हुई है. जीतनराम मांझी और चिराग पासवान खुद को एक दूसरे से बड़ा दलित नेता बताने की होड़ में हैं. लोकसभा चुनाव में एक सीट मिलने से ही नाराज मांझी विधानसभा चुनाव में अधिक सीटें चाहते हैं. लोजपा भी अपनी ताकत बढ़ानी चाहती है. इस सियासी जुबानी जंग के पीछे अधिक सीटें पाना भी है. चिराग पासवान जहां राज्य की सभी विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार खड़ा करने का संकेत देकर एनडीए के भीतर अधिक सीट झटकना चाहते हैं. वहीं, जीतन राम मांझी काे आशंका है कि चिराग के दवाब में आखिरी वक्त में उनके हिस्से की सीटों में कटौती नहीं हो.
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