Bihar Politics: तेजस्वी यादव की ‘सूत्र’ टिप्पणी पर बीजेपी का बड़ा प्रहार, सम्राट चौधरी ने बताया ‘फिसड्डी लाल’
Bihar Politics: महागठबंधन के मुख्यमंत्री का चेहरा तेजस्वी यादव का खबरों के सूत्र को लेकर की गयी टिप्पणी पर भाजपा ने तीखा हमला किया है. एक दिन पहले तेजस्वी यादव ने मतदाता पुनरीक्षण को लेकर चुनाव आयोग पर हमला बोला था और उस पर सूत्रों के आधार पर गलत तथ्य देने का आरोप लगाया था.
By Paritosh Shahi | July 14, 2025 9:26 PM
Bihar Politics: तेजस्वी यादव के उस बयान पर हमलावर भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्य के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, लालू प्रसाद के पुत्र यानी बड़बोले फिसड्डी लाल के बयानों में तिलमिलाहट, बौखलाहट, छटपटाहट और कंपकपाहट साफ देखी जा रही हैं. जब भी माइक पर आते हैं तो उनके चेहरे पर घबराहट और उनकी आवाज में कंपकपाहट दिखने लगती है.इसके पीछे एक गंभीर कारण यह है कि उन्हें अपनी हार सामने दिखाई दे रही है. साथ ही हार का ठीकरा उनके अपने सिर पर फूटने का दबाव है.
दूसरा कारण उन्होंने बताया, विरासत की सियासत में पार्टी कब्ज़ियाने की तेजस्वी की व्याकुलता ने परिवार में खरमंडल पैदा कर दिया है. सम्राट ने लिखा, इसलिए लूट के लिए एकजुट हुए यह लोग चाहे कितना भी झूठ का लिबास ओढ़ लें, अगले कुछ महीनों में इनके बीच फूट तय है.
तेजस्वी यादव के ज्ञान को कचरा ही मानते हैं
इधर, भाजपा ओबीसी मोरचा के राष्ट्रीय महामंत्री डा निखिल आनंद ने कहा,अगर तेजस्वी यादव सूत्र को … मानते हैं, तो हम सब भी तेजस्वी यादव के ज्ञान को कचरा ही मानते हैं. उन्होंने कहा कि तेजस्वी से ऐसी गलतियां इसलिए संभव हैं क्योंकि उन्होंने आधिकारिक तौर पर ज्यादा शिक्षा प्राप्त नहीं की है. इसलिए उनका शब्दकोष सीमित है और अगर वो किसी विषय पर ज्यादा बोलेंगे या अपने ज्ञान का बखान करने की कोशिश करेंगे, तो उनकी पोल खुलनी तय है.
डाॅ निखिल ने कहा कि अब तेजस्वी कब तक मनोज झा से मौखिक और लिखित ज्ञान उधार लेकर खुद को ज्ञानी साबित करते रहेंगे? देर-सवेर उनकी पोल तो खुलनी ही थी. राहुल गांधी ने भी समय-समय पर काफी ट्यूशन लिया है, जो समय-समय पर उनके आधे- अधूरे एवं अधकचरे बातों के रूप में सामने आती रहती है. ज्ञान के मामले में राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की विषयवस्तु, गुण, प्रकृति एक जैसी है और दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं.
तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया पर कहा था चुनाव आयोग स्वयं सामने आने के बजाय सूत्रों के हवाले से खबर प्लांट करवा रहा है, ताकि इसकी आड़ में खेला कर सके. ये वही सूत्र हैं जो ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इस्लामाबाद, लाहौर और कराची पर कब्जा कर चुके थे. इसलिए हम ऐसे सूत्र को ….. समझते हैं. …. यानि ऐसा अपशिष्ट पदार्थ जो दुर्गंध फैलाता है.