Chiraia Vidhan Sabha: हर चुनाव में पलटता है सियासी खेल, भाजपा बनाम राजद की टक्कर जारी, हार-जीत का अंतर बेहद कम

Chiraia Vidhan Sabha: चिरैया विधानसभा क्षेत्र में चुनावी खेल कभी भी पलट सकता है. यहां के मतदाता बेहद जागरूक होते हैं और उनका वोट बैंक समय के साथ बदलता रहता है. भाजपा और राजद के बीच कड़ी टक्कर हमेशा देखने को मिलती है. इसके अलावा, जद-यू और अन्य दल भी चुनावी मैदान में रहते हैं, जिससे राजनीति में और भी रोमांच जुड़ जाता है.

By Paritosh Shahi | July 14, 2025 5:12 PM
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Chiraia Vidhan Sabha: बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में स्थित चिरैया विधानसभा क्षेत्र हमेशा से ही चुनावी हलचलों का गवाह रहा है. यह क्षेत्र ना केवल अपनी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यहां के चुनावी परिणाम भी हमेशा दिलचस्प होते हैं. चिरैया विधानसभा क्षेत्र में राजनीति एक रोमांचक खेल की तरह होती है, जिसमें हर चुनाव के बाद परिणाम कभी भी बदल सकते हैं.

चिरैया विधानसभा को बारे में जानिए

चिरैया विधानसभा क्षेत्र बिहार के प्रमुख विधानसभा क्षेत्रों में से एक है. यह पूर्वी चंपारण जिले का हिस्सा है और इसका लोकसभा क्षेत्र भी पूर्वी चंपारण है. यह क्षेत्र सामाजिक और जातिगत दृष्टि से विविधतापूर्ण है, जहां यादव, भूमिहार, राजपूत, मुसलमान और अन्य पिछड़ा वर्ग के मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते हैं. यहां की राजनीति में सवर्ण, पिछड़ा और मुस्लिम वोट बैंक के समीकरण अक्सर चुनावी परिणाम को प्रभावित करते हैं.

जीत का अंतर कभी बड़ा तो कभी बेहद कम

चिरैया विधानसभा में चुनावी मैदान में भाजपा, राजद, जदयू और कई अन्य छोटे दल और निर्दलीय उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमाते हैं. इस विधानसभा क्षेत्र में वोटों का अंतर कभी बड़ा होता है तो कभी बेहद कम.

पिछले तीन विधानसभा चुनावों के परिणाम

2020 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार लाल बाबू प्रसाद गुप्ता ने जीत दर्ज की. उन्होंने राजद के अच्छे लाल प्रसाद को हराया. लाल बाबू ने 62904 वोटों के साथ 37.97% वोट शेयर के साथ चुनाव जीतने में सफलता प्राप्त की. वहीं, राजद के उम्मीदवार अच्छे लाल प्रसाद को 46030 वोट मिले, जो कि 27.78% थे. इस चुनाव में भाजपा ने राजद को हराकर यह सीट अपने नाम की.

2015 में भी भाजपा के लाल बाबू प्रसाद गुप्ता ने जीत का परचम लहराया. इस बार उन्होंने राजद के उम्मीदवार लक्ष्मी नारायण प्रसाद यादव को हराया. लाल बाबू को 62831 वोट मिले, जबकि राजद को 58457 वोट मिले. फर्क सिर्फ 4374 वोटों का था. इस चुनाव ने यह साबित कर दिया कि चिरैया विधानसभा क्षेत्र में जीत-हार के बीच का अंतर बेहद कम होता है. कोई भी पार्टी कभी भी मुकाबले में वापस आ सकती है.

2010 के चुनाव में भाजपा के अवनीश कुमार सिंह ने राजद के लक्ष्मी नारायण प्रसाद यादव को हराकर जीत दर्ज की. अवनीश को 39459 वोट मिले. राजद को 24631 वोट मिले. इस चुनाव में भाजपा ने क्षेत्र में पकड़ मजबूत की.

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कभी भी पलट सकता है खेल

चिरैया विधानसभा में सवर्ण, पिछड़ा वर्ग और मुसलमानों का वोट महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. हर चुनाव के साथ नए समीकरण बनते हैं. यही वजह इस क्षेत्र को राजनीति का एक दिलचस्प रणक्षेत्र बनाता है.

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