Ekma Assembly constituency: जहां बाहुबली भी हारे, अब लड़ाई है वोट समीकरण की!

Ekma Assembly constituency: एकमा विधानसभा सीट बिहार के सारण जिले में स्थित है. इसका राजनीतिक इतिहास विविध रहा है. 2020 में राजद के श्रीकांत यादव ने जीत दर्ज की थी लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में एनडीए को बढ़त मिली. 2025 में यहां एनडीए और महागठबंधन के बीच कड़ा मुकाबला होने की संभावना है.

By Nishant Kumar | July 11, 2025 6:31 PM
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Ekma Assembly constituency: एकमा विधानसभा सीट बिहार के सारण जिले में स्थित है और इसका राजनीतिक इतिहास उतार-चढ़ाव से भरा रहा है. यह सीट 1951 में अस्तित्व में आई थी और कांग्रेस के लक्ष्मी नारायण सिंह पहले विधायक बने. 1957 से 2008 तक यह सीट निष्क्रिय रही लेकिन 2008 के परिसीमन के बाद इसे फिर से सक्रिय किया गया. 2010 में जदयू के मनोरंजन सिंह उर्फ धूमल सिंह ने इस सीट पर जीत हासिल की और 2015 में भी अपनी जीत दोहराई. वे बाहुबली नेता माने जाते थे, जो दल बदलते रहे लेकिन क्षेत्र में प्रभावी बने रहे. 2020 के विधानसभा चुनाव में राजद के श्रीकांत यादव ने जदयू की सीता देवी को लगभग 13,927 वोटों से हराकर सीट पर कब्जा जमाया.

क्या है जातीय समीकरण 

एकमा सीट में जातीय और सामाजिक समीकरण का गहरा असर है. यहां कुल मतदाता लगभग 3 लाख हैं, जिनमें लगभग 12% अनुसूचित जाति, 3.6% अनुसूचित जनजाति और करीब 10% मुस्लिम मतदाता हैं. 2020 में यहां करीब 50-51% मतदान दर्ज किया गया. यह सामान्य (सामान्य वर्ग) सीट है, जिसमें एकमा, लहलादपुर और मानझी प्रखंड की पंचायतें शामिल हैं.

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क्या है मौजूदा हालात 

वर्तमान में एकमा सीट पर राजद के श्रीकांत यादव विधायक हैं लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में महाराजगंज संसदीय क्षेत्र (जिसमें एकमा आता है) में बीजेपी को बढ़त मिली. इससे संकेत मिलता है कि 2025 के विधानसभा चुनाव में राजद के लिए चुनौती बढ़ सकती है, खासकर तब जब लोजपा फिर से NDA के साथ है और NDA का वोट बैंक एकजुट हो चुका है. ऐसे में एकमा सीट पर 2025 में एनडीए बनाम महागठबंधन के बीच जबरदस्त मुकाबला होने की संभावना है. जातिगत समीकरण, क्षेत्रीय प्रभाव और दलों की रणनीति यहां के नतीजे तय करेंगे.

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