हाईकोर्ट के स्टे के बाद अब जाकर मिली मान्यता
एनडीए सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मधुबन, पकड़ीदयाल और मेहसी को नगर पंचायत बनाने की घोषणा की थी. 2007 में पकड़ीदयाल और मेहसी को नगर पंचायत घोषित किया गया, लेकिन मधुबन का मामला हाईकोर्ट में जाकर अटक गया. वर्षों बाद अब जाकर मधुबन को नगर पंचायत घोषित किया गया है. इसमें विशुनपुर तारा और मधुबन राजस्व ग्राम को शामिल किया गया है. 2011 की जनगणना के अनुसार इसकी जनसंख्या 16,391 और क्षेत्रफल 552.94 हेक्टेयर है.
नक्सली हमले से लेकर नगर पंचायत तक का सफर
23 जून 2005 को मधुबन नक्सलियों के हमले का गवाह बना था. थाना, ब्लॉक, बैंक और सांसद के आवास तक को निशाना बनाया गया था. इस हमले में कई जवान शहीद हुए थे. अब नगर पंचायत बनने से यह क्षेत्र विकास की नई राह पर अग्रसर होगा.
क्या है मधुबन का चुनावी इतिहास?
बिहार विधानसभा में क्रम संख्या 18 पर मौजूद मधुबन विधानसभा सीट प्रदेश के पूर्वी चंपारण जिले में पड़ता है. यह शिवहर लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है. 2008 में परिसीमन के बाद मधुबन सीट को सामान्य वर्ग सीट में बदल दी गई थी जबकि पहले यह सीट अनूसूचित जाति के रिजर्व हुआ करती थी. अब तक इस सीट पर हुए 15 चुनावों में चार बार कांग्रेस, तीन बार सीपीआई, दो-दो बार जदयू, राजद, जनता दल और एक-एक बार भाजपा और जनता पार्टी को जीत हासिल हुई है.
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