चुनाव से पहले नीतीश कुमार का मास्टरस्ट्रोक, सरकारी कर्मियों के प्रमोशन का इंतजार खत्म

Nitish Kumar: विधानसभा चुनाव को देखते हुए सरकार ने कर्मचारी वर्ग के बीच सकारात्मक संदेश दिया है. इससे पहले सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को महंगाई भत्ते (डीए) में बढ़ोतरी का लाभ भी दिया था, जिससे कर्मचारियों में संतुष्टि का माहौल है. कर्मचारी संगठनों ने इस निर्णय का स्वागत किया है और इसे उनकी लंबे समय से चली आ रही मांगों की पूर्ति के रूप में देखा जा रहा है.

By Ashish Jha | July 3, 2025 11:42 AM
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Nitish Kumar: पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार चुनावी साल में हर वर्ग को खुश करने की कोशिश में जुटी है. बिहार सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के प्रमोशन के लिए न्यूनतम सेवा अवधि को दो से चार साल तक कम कर दिया गया है. सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में नई नियमावली के तहत आदेश जारी किया है. इस फैसले से बिहार में कार्यरत लगभग छह लाख सरकारी कर्मचारियों को लाभ मिलने की उम्मीद है. विशेष रूप से वेतन स्तर चार से सात तक के कर्मचारियों को इस निर्णय से सीधा फायदा होगा.

प्रमोशन का इंतजार खत्म

सरकार के इस निर्णय से उन कर्मचारियों का इंतजार खत्म हो गया है, जो लंबे समय से प्रमोशन की प्रतीक्षा में थे. नए नियमों के लागू होने से कर्मचारियों को न केवल उच्च पदों पर प्रोन्नति का अवसर मिलेगा, बल्कि इससे उनकी वेतन वृद्धि और अन्य सुविधाओं में भी इजाफा होगा. यह कदम कर्मचारियों के मनोबल को बढ़ाने और उनकी कार्यक्षमता में सुधार लाने में सहायक सिद्ध होगा.

न्यूनतम सेवा अवधि का निर्धारण

सामान्य प्रशासन विभाग के अनुसार, जून 2018 में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर न्यूनतम सेवा अवधि का निर्धारण किया गया था. हालांकि, वेतन स्तर चार के तहत कार्यरत कुछ संवर्ग के कर्मचारियों ने इस अवधि को कम करने के लिए आवेदन दिए थे. इन मांगों पर विचार करने के बाद बिहार सरकार ने यह कदम उठाया है. सरकार ने केंद्र और झारखंड सहित अन्य राज्यों के नियमों का अध्ययन करने के बाद यह निर्णय लिया.

नये सिरे से सेवा अवधि का निर्धारण

नए नियम के अनुसार वेतन स्तर चार से पांच और पांच से छह तक के लिए प्रमोशन की न्यूनतम सेवा अवधि अब तीन वर्ष होगी. वहीं वेतन स्तर छह से सात के लिए यह अवधि चार वर्ष निर्धारित की गई है. पहले यह अवधि अधिक थी, जिसे कम करने की मांग लंबे समय से कर्मचारी संगठनों द्वारा की जा रही थी. इस संशोधन से कर्मचारियों को जल्दी प्रमोशन का अवसर मिलेगा. इस कदम से न केवल कर्मचारियों को आर्थिक लाभ होगा, बल्कि उनकी सेवा में स्थिरता और प्रेरणा भी बढ़ेगी. सरकार का यह प्रयास कर्मचारी कल्याण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.

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