पटना में प्रशांत किशोर का बड़ा ऐलान, बोले- छठ के बाद 50 लाख युवाओं को बिहार में मिलेगा 12000 तक का रोजगार

Prashant Kishor: जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने पटना के बाढ़ में बिहार बदलाव सभा को संबोधित किया. उन्होंने जनता से भावुक अपील करते हुए कहा कि इस बार नेताओं का नहीं, अपने बच्चों का चेहरा देखकर वोट दें और शिक्षा-रोजगार को प्राथमिकता दें.

By Paritosh Shahi | July 27, 2025 7:34 PM
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Prashant Kishor: पटना जिला के बाढ़ के नीलम सिनेमा मैदान में रविवार को जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने ‘बिहार बदलाव सभा’ को संबोधित किया. बिहार भर में बदलाव यात्रा के तहत लगातार जनसंवाद कर रहे प्रशांत किशोर ने इस सभा में जनता से , “आपने मोदी का चेहरा देखकर वोट दिया तो चायवाला प्रधानमंत्री बन गया. लालू का चेहरा देखकर वोट दिया तो भैंस चराने वाला 30 साल से राजा बन गया. नीतीश का चेहरा देखकर वोट दिया तो वैद्य का बेटा 20 साल से मुख्यमंत्री है. इस बार अपने बच्चों का चेहरा देखकर वोट दीजिए.”

एनडीए और राजद पर साधा निशाना

प्रशांत किशोर ने कहा कि अब तक जनता ने नेताओं को देखकर वोट किया है, लेकिन बदले में उन्हें सिर्फ ठगने वाली सरकारें मिलीं. प्रशांत किशोर ने सीधे-सीधे मोदी, बिहार सरकार और लालू यादव पर हमला बोलते हुए कहा कि इन नेताओं ने सिर्फ सत्ता हासिल की, जनता को कुछ नहीं दिया. उन्होंने जनता से अपील की कि अबकी बार अपने बच्चों की शिक्षा और रोजगार को ध्यान में रखकर वोट दें, ताकि अगली पीढ़ी को बिहार छोड़कर बाहर मजदूरी के लिए न जाना पड़े.

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बिहार की बदहाली की आखिरी छठ

सभा के दौरान प्रशांत किशोर ने कहा कि इस साल की छठ बिहार की बदहाली की आखिरी छठ होगी. दिसंबर 2025 से बिहार के 50 लाख युवाओं को उनके गृहजिले में ही 10-12 हजार रुपये मासिक रोजगार मिलेगा. उन्होंने यह भी ऐलान किया कि 60 वर्ष से अधिक उम्र के सभी पुरुषों और महिलाओं को 2000 रुपये मासिक पेंशन दी जाएगी.

शिक्षा के क्षेत्र में सुधार को लेकर भी उन्होंने ठोस योजना की बात कही. प्रशांत किशोर ने वादा किया कि जब तक सरकारी स्कूलों की व्यवस्था सुधरेगी नहीं, तब तक सरकार 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को निजी स्कूलों में मुफ्त शिक्षा उपलब्ध कराएगी. फीस सरकार देगी ताकि गरीब बच्चों को भी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में पढ़ने का अवसर मिले.

सभा के अंत में उन्होंने कहा कि यह लड़ाई सिर्फ सत्ता बदलने की नहीं, व्यवस्था और सोच को बदलने की है. उन्होंने जनता से आग्रह किया कि जाति, धर्म या चेहरे नहीं, बल्कि अपने बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए वोट दें और बिहार में सच्चे मायनों में जनता का राज स्थापित करें.

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