Bihar: चुनाव आयोग पर भड़के RJD-कांग्रेस के नेता, बोले- समाज में हाहाकार मचा हुआ है…   

Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग के पुनिरीक्षण के फैसले पर सियासी सरगर्मी बढ़ गई है. राजद और कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी पार्टियां चुनाव आयोग के इस फैसले से असहमत नजर आ रही हैं. आइए बताते हैं राजद और कांग्रेस नेताओं ने क्या कहा ? 

By Nishant Kumar | July 3, 2025 3:48 PM
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Bihar Political News: बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले चुनाव आयोग के पुनिरीक्षण के फैसले को लेकर विपक्षी पार्टियां आयोग पर हमलावर हैं. उनका मानना है कि इतने कम समय में इतने सारे दस्तावेज दिखाने में मतदाताओं को समस्या होगी. बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और औरंगाबाद जिले के कुटुंबा से विधायक राजेश कुमार और राष्ट्रीय जनता दल के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने चुनाव आयोग और सरकार पर जोरदार निशाना साधा. 

मनोज झा ने क्या कहा ? 

आरजेडी राज्यसभा सांसद मनोज कुमार झा ने चुनाव आयोग के साथ विपक्षी डेलिगेशन की मुलाकात पर कहा, “शिकायतें सिर्फ हमारी या राजनीतिक दलों की नहीं हैं पूरे नागरिक समाज में हाहाकार मचा हुआ है. जैसा कि मैंने कल बार-बार कहा और हमारे सभी साथियों ने भी दोहराया, यह समावेशन का तंत्र नहीं, बल्कि बहिष्करण का तंत्र है. आप दस्तावेज जुटाओ अभियान में लगा देंगे. बिहार की 20% आबादी पलायन करके अन्य राज्यों में है. चुनाव आयोग के मुंह से यह बात भी निकली. सबसे बड़ी चिंता यह है कि पलायन करने वाले लोग 3-4 बार और खासकर चुनाव के समय बिहार जरूर आते हैं. अगर आप इन्हें बेदखल कर देंगे.”

सवाल चुनाव आयोग से और जवाब दे रही है भाजपा 

आरजेडी राज्यसभा सांसद मनोज कुमार झा ने कहा, “हमने जो सवाल उठाए, उनका बिंदुवार जवाब चुनाव आयुक्त दें. कई सवाल लोगों ने पूछे हैं. अभिषेक मनु सिंघवी जी थे, मैं था, जॉन ब्रिटास थे, एनसीपी की फौजिया जी थीं, सपा से मलिक साहब थे, सीपीआई से डी. राजा थे, कांग्रेस से सिंघवी जी के अलावा राजेश राम जी थे, डीएमके से इलांगो जी थे. हम सभी ने सवाल पूछे. चुनाव आयोग हमारा भी है, जवाब तो वहां से आना चाहिए. अगर बीजेपी जवाब दे रही है, तो यह समझना मुश्किल हो जाता है कि हम सवाल किससे पूछ रहे हैं और जवाब किससे मिल रहा है. 

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने क्या कहा ?

बिहार कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार ने कहा, “चुनाव आयोग लोगों में भ्रम पैदा कर रहा है. हम पूरी जानकारी दे सकते हैं. वे कहते हैं कि यह पूर्ण निरीक्षण नहीं है, लेकिन दो महीने पहले तैयार हुई वोटर लिस्ट के लिए अब फिर से प्रमाण मांग जा रहा है. प्रमाण मांगना पूर्ण निरीक्षण नहीं तो और क्या है? इससे भाजपा को फायदा होगा, क्योंकि जिन लोगों के नाम वोटर लिस्ट से हटेंगे, वे गरीब लोग महागठबंधन के समर्थक हैं. इससे जनता का नुकसान होगा. सरकार की कोई भी योजना आएगी, तो जनता से कहा जाएगा कि मतदाता सूची में नाम दिखाएं. अगर नाम नहीं होगा, तो योजना का लाभ नहीं मिलेगा”

दस्तावेज दिखाने के लिए मिल रहा है कम समय 

बिहार कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार ने बिहार में वोटर्स वेरिफिकेशन पर कहा, “लोकसभा चुनाव को एक साल हो चुका है. अब मतदाता सूची के पूर्ण पुनरीक्षण का कार्य शुरू हुआ है. आप 25 दिन का समय दे रहे हैं और अधिक से अधिक दस्तावेज मांग रहे हो. दस्तावेज मांगना ठीक है लेकिन इसके लिए समय नहीं है. प्रमाण देने का समय नहीं मिलेगा. चुनाव है. बिहार में आठ करोड़ मतदाता हैं. क्या आप 25 दिन की प्रक्रिया में आठ करोड़ मतदाताओं के लिए सब कुछ कर पाएंगे? आज से 22 साल पहले मतदाता सूची का कम्प्यूटरीकरण हुआ लेकिन उसके बाद इस तरह का गहन पुनरीक्षण नहीं हुआ था. पहले मतदाताओं को यह प्रमाणित नहीं करना पड़ता था कि वे नागरिक हैं या नहीं. अब आप प्रमाण मांग रहे हैं.”

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कांग्रेस ला रही है कई योजनाएं 

बिहार कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार ने कहा, “हमने कई महत्वपूर्ण योजनाएं और कार्यक्रम शुरू किए. पहला, जिला अध्यक्षों का पुनर्गठन किया गया. दूसरा, कई संविधान सम्मेलन आयोजित किए गए. झंडा यात्रा कार्यक्रम के माध्यम से लोगों को जोड़ा गया. ‘हर घर माई बहिन मान’ योजना तेजी से लागू की जा रही है. जिला स्तर पर कई संवाद कार्यक्रम और झंडा कार्यक्रम सफलतापूर्वक आयोजित किए गए. ‘हर घर झंडा’ कार्यक्रम भी बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है. इन सभी चुनौतियों को हमें आगे ले जाना है.”

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