सिकंदरा सीट इस बार परिवर्तन की राह पर है और यह परिवर्तन बिनोद कुमार चौधरी के नेतृत्व में ही संभव है. कांग्रेस अगर जीत का परचम लहराना चाहती है, तो यह सीट बिनोद चौधरी को सौंपकर सामाजिक न्याय और जनसंवाद की राजनीति को आगे बढ़ा सकती है.
सिकंदरा विधानसभा सीट का इतिहास
सिकंदरा का संबंध लोधी वंश के अंतिम शासक सिकंदर लोदी से हो सकता है, जिन्होंने दिल्ली सल्तनत का विस्तार बिहार तक किया था. सिकंदरा जैन समुदाय के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल है. लचुआर गांव में 1874 में निर्मित एक भव्य जैन मंदिर और 65-कमरों वाली धर्मशाला स्थित है, जो क्षत्रिय कुंड ग्राम की यात्रा का प्रवेश द्वार है. इस कुंड ग्राम को भगवान महावीर का जन्मस्थल माना जाता है. इस मंदिर में भगवान महावीर की 2,600 वर्ष पुरानी काले पत्थर की मूर्ति स्थापित है, जिसका वजन लगभग 250 किलोग्राम है. यह स्थान जमुई मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर पश्चिम में स्थित है.
सिकंदरा विधानसभा क्षेत्र की स्थापना 1962 में हुई थी और यह अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित सीट है. यह जमुई लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है. इस क्षेत्र में राजनीतिक बदलाव अक्सर देखने को मिलते हैं. अब तक कांग्रेस ने पांच बार, भाकपा (CPI) और जनता दल (यू) ने दो-दो बार जीत दर्ज की है. इसके अलावा एसएसपी, जनता पार्टी, कोशल पार्टी, लोजपा, हम (HAM), और एक निर्दलीय उम्मीदवार ने भी एक-एक बार विजय हासिल की है.
2020 के विधानसभा चुनाव में एनडीए की ओर से हम (HAM) के प्रत्याशी प्रफुल कुमार सिंह ने कांग्रेस के मौजूदा विधायक सुधीर कुमार को 5,505 मतों से हराया था. 2024 के लोकसभा चुनाव में इस विधानसभा क्षेत्र में लोजपा (रामविलास) को बढ़त मिली, जिससे एनडीए की पकड़ और मजबूत हुई है.
सिकंदरा विधानसभा सीट के जातीय समीकरण
सिकंदरा 2011 की जनगणना के अनुसार कुल जनसंख्या 1,48,711 है. यहां की जनसंख्या घनत्व काफी अधिक है. लगभग 1,530 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर. लिंगानुपात 936 महिलाओं प्रति 1,000 पुरुष है, जो क्षेत्र की सामाजिक संरचना को दर्शाता है.
सिकंदरा विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित है. इस सीट पर यादव, मुस्लिम, राजपूत, कोइरी वोटरों की संख्या अच्छी है. जातिगत वोटर को देखें को सिकंदरा विधानसभा में करीब 14 हजार पासवान वोटर्स हैं. अभी तक यहां 1990 में सर्वाधिक 69.90% मतदान हुआ था.
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सिकंदरा विधानसभा क्षेत्र की पूरी मतदाता आबादी ग्रामीण है. कुल मतदाताओं में अनुसूचित जाति के मतदाता 18.93 प्रतिशत हैं, जबकि मुस्लिम मतदाता 12.8 प्रतिशत हैं. मतदाता पंजीकरण की संख्या भी बढ़ रही है. 2020 में यह 2,88,763 थी, जिसमें 53.17 प्रतिशत मतदान हुआ था. जो 2024 के लोकसभा चुनाव में बढ़कर 3,08,005 हो गई.