नयी दिल्लीः देश भर में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के कर्मचारी 22 अगस्त को यानी आज हड़ताल पर हैं. इसका आह्वान यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूबीएफयू) ने किया है. अखिल भारतीय पंजाब नेशनल बैंक अधिकारी संघ ने भी इसका समर्थन किया है. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में वेतन पुनरीक्षण मामले, नयी नियुक्तियों को लेकर यह हड़ताल बुलायी गयी है.
संघ की ओर से इंडियन बैंक एसोसिएशन द्वारा गलत फैसले लिये जाने का भी विरोध किया गया है. संघ के अधिकारियों ने इससे पहले भी अपनी मांगों को लेकर 19 जुलाई को देश भर में बैंक कर्मी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को बचाने के नारे के साथ रैली, प्रदर्शन और काला बिल्ला लगा कर काम करने का ऐलान किया था. इसके बाद 15 सितंबर को नयी दिल्ली में एक लाख बैंक कर्मी रैली करेंगे. अक्तूबर और नवंबर में भी लगातार दो दिनों तक बैंकों में हड़ताल रहेगी. इसकी तिथियां बाद में घोषित की जायेंगी.
बैंक कर्मियों ने भारतीय रिजर्व बैंक और केंद्र के अनुरूप पेंशन की सुविधा देने की भी मांग की है. यूनाइटेड फोरम की मुंबई में आयोजित बैठक में इंडियन बैंक एसोसिएशन की ओर से अधिकारी संघ की मांगों पर अंकुश लगाये जाने का भी विरोध किया गया. स्केल-3 से लेकर स्केल-7 के अधिकारियों के वेतन पुनरीक्षण की मांग को स्वीकृत करने का आग्रह भी संघ की तरफ से किया गया है.
ऐसे बचे परेशानी से
हड़ताल का असर बैंक ब्रांचों में कैश ट्रांजैक्शन और चेक क्लीयरिंग जैसे फाइनेंशियल सर्विसेज पर दिखेगा, लेकिन इंटरनेट, मोबाइल बैंकिंग सर्विसेज, पीओएस मशीनों और एटीएम आदि के कारण कस्टमर पर ये असर सीमित ही होंगे. इसलिए कस्टमर इन सुविधाओं का उपयोग करके परेशानी से बच सकते हैं.
प्राइवेट बैंक में हड़ताल नहीं
आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, एक्सिस और कोटक महिंद्रा बैंक जैसे प्राइवेट बैंकों में कामकाज सामान्य रहने की उम्मीद जतायी जा रही है. हालांकि इन बैंकों में भी चेक क्लीयरिंग में देर होगी. महानगरों के साथ ही दूसरे और तीसरे दर्जे के शहरों में भी प्राइवेट बैंकों का ऑपरेशन मजबूत होता जा रहा है. ऐसे में उम्मीद है कि उपभोक्ता को अधिक मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ेगा.
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