टाटा संस के चेयरमैन एमिरेटस रतन टाटा नेप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश की जरूरत बताया है. सीएनबीसी टीवी18 को दिये एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि मोदी ने न्यू इंडिया के लिए एक विजन तैयार किया है और नये भारत के निर्माण के लिए वह हर तरह के सार्थक कदम उठा रहे हैं. उन्होंने उम्मीद जतायी कि देश के युवा नये भारत के निर्माण में उनकी मदद करेंगे.
साहसिक फैसले लेने में उनका कोई जवाब नहीं
रतन टाटा ने आगे कहा, मैं नरेंद्र मोदी को तब से जानता हूं जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे. साहसिक फैसले लेने में पीएम मोदी का कोई जवाब नहीं है. जब हमें पश्चिम बंगाल के सिंगूर से अपनी फैक्टरी गुजरात ले जानी पड़ी, तब मैं उनसे मिला था. नरेंद्र मोदी ने महज तीन दिनों में नैनो कार फैक्टरी के लिए जरूरी जमीन दे दी थी. उन्होंने कहा, मोदी जी ने जब फैक्ट्री को गुजरात लाने का मुझे न्योतादेतेहुए कहा कि आपको जो जमीन चाहिए वह मैं तीन दिन में दिला दूंगा. और उन्होंने यह कर दिखाया. ऐसा भारत में कहां होता है! रतन टाटा ने कहा कि भारत में इस तरह का साहसिक फैसला सरकारी स्तर पर नहीं होता है.
फोर्ब्स के 100 बिजनेस लिविंग लीजेंड्स में रतन टाटा सहित तीन भारतीय शामिल
उनकी लीडरशिप पर पूरा भरोसा
रतन टाटा ने कहा, मैं यह कभी नहीं भूल सकता कि उन्होंने कैसे एक कंपनी की मुश्किलों का हल निकाला जो अपने लिए कोई आसरा खोज रही थी. अब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री के तौर पर भारत, भारतवासियों और न्यू इंडिया के लिए काम कर रहे हैं. वह काबिल, क्षमतावान और इनोवेटिव हैं. मुझे उनकी लीडरशिप पर पूरा भरोसा है. उन्होंने न्यू इंडिया का वादा किया है और उसे जरूर पूरा करेंगे.
टाटा संस का नेतृत्व योग्य हाथों में
टाटा संस के बारे में बात करते हुए रतन टाटा ने कहा कि बिजनेस में उतार-चढ़ाव होता रहता है. ग्रुप का नेतृत्व एन चंद्रशेखरन जैसे योग्य व्यक्ति के हाथों में है और उन्हें भरोसा है कि ग्रुप आनेवाले दिनों में भी सफलता की ऊंचाइयों को छूएगा. उन्होंने आगे कहा कि ग्रुप ने घाटे में चल रही कई कंपनियों को खरीदा है और आगे भी खरीदेगा.उन्होंने कहा, आगामी 10 सालों में ग्रुप एकदम अलग दिखेगा. हम कई नये बिजनेस में उतरेंगे, नयी कंपनियां बनायेंगे. कंपनी अपने मूल्यों से कभी समझौता नहीं करेगी.
स्टार्टअप में निवेश
स्टार्टअप्सकेएंजेल इनवेस्टर के रूप में मशहूर इस बिजनेस टाइकून ने अपने निवेश का फंडा समझाते हुए कहा कि किसी भी स्टार्टअप में विजन का होना जरूरी है. मुझे जिस बिजनेस में रुचि नहीं होती, उसमें निवेश नहीं करता. स्टार्टअप में फाउंडर की दिलचस्पी बहुत जरूरी है. पहले मैं स्टार्टअप के फाउंडर से मिलताहूं,उसके बिजनेस आइडिया पर बात करता हूं.यह जज करता हूं कि उसे अपने प्रोजेक्ट में कितना विश्वास है. इसके बाद ही निवेश का फैसला लेता हूं.
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