नयी दिल्ली : केंद्र सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन को एक साल का सेवा विस्तार मिल गया है. सुब्रमण्यन का इस पद के लिए तीन साल का मौजूदा कार्यकाल अगले महीने 16 अक्तूबर को समाप्त होने वाला था. अब वे अगले साल इस अवधि तक पद पर बने रहेंगे. अरविंद सुब्रमण्यन नरेंद्र मोदी सरकार से जुड़े अहम अर्थशास्त्रियों में शामिल हैं, जिनकी सरकार की आर्थिक नीतियां तय करने में अहम भूमिका है. सुब्रमण्यन के सेवा विस्तार के संबंध में वित्त मंत्रालय ने आज बयान जारी किया है.
सुब्रमण्यन नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद 16 अक्तूबर 2014 को देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार बनाये गये थे. उस समय यह पद रघुराम राजन को रिजर्व बैंक का सितंबर 2013 में गवर्नर बनाये जाने के कारण रिक्त पड़ा था. रघुराम राजन 10 अगस्त 2012 सेचार सितंबर 2013 तक देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार थे और उन्हें तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह स्वदेश लेकर आये थे.
अरविंद सुब्रमण्यन का सेवा विस्तार मोदी सरकार के उन पर भरोसे को इंगित करता है. वे दुनिया के शीर्ष 100 थिंकर में शामिल किये गये हैं. उन्होंने अपने कार्यकाल में जेएएम मुहावरा दिया, जिसका अर्थ है – जन धन, आधार, मोबाइल. मोदी सरकार ने इन तीन बिंदुओं को पारदर्शिता लाने के लिए, वित्तीय समावेशन के लिए व भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए प्रमुखता से उपयोग किया.
अरविंद सुब्रमण्यन की गिनती दुनिया के प्रतिभाशाली अर्थशास्त्रियों में होती है और देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार के रूप में आर्थिक सर्वे तैयार करने वाले की मैन के रूप में काम करते रहे हैं. उन्होंने दिल्ली के प्रतिष्ठित संत स्टीफन्स कॉलेज, आइआइएम अहमदाबाद एवं यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड से शिक्षा पायी है.
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