नयी दिल्लीः देश की अर्थव्यवस्था में आयी गिरावट पर प्रधामंत्री नरेंद्र मोदी के महाभारत के शल्य वाले कटाक्ष पर पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने एक बार फिर सरकार पर हमला किया है. पीएम मोदी के बयान के बाद के अपने पलटवार में उन्होंने कहा कि मैं महाभारत का शल्य नहीं, बल्कि भीष्म हूं आैर किसी भी कीमत पर भारत की अर्थव्यवस्था का चीरहरण नहीं होने दूंगा.
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गौरतलब है कि बुधवार को द इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया (आर्इसीएसआर्इ) के गोल्डन जुबली समारोह में मोदी ने आर्थिक नीतियों पर हो रही आलोचना का आंकड़ों के साथ जवाब दिया था. साथ ही, मोदी ने कहा था कि कुछ लोग ‘शल्य’ प्रवृत्ति के हैं, जिनकी आदत निराशा फैलाने की होती है और ऐसे लोगों की पहचान करना काफी जरूरी है.
पीएम मोदी के इस बयान पर ही यशवंत सिन्हा ने खुद को भीष्म करार देते हुए कहा कि वे किसी भी कीमत पर भारत की अर्थव्यवस्था का चीरहरण नहीं होने देंगे. यशवंत सिन्हा ने पीएम मोदी के उस बयान पर भी टिप्पणी की, जिसमें उन्होंने अर्थव्यवस्था को लेकर यूपीए सरकार के उदाहरण दिये थे. पीएम मोदी ने कहा था पिछली सरकार के 6 साल में 8 बार ऐसे मौके आये, जब विकास दर 5.7 फीसदी या उससे नीचे थी.
यशवंत सिन्हा ने यूपीए सरकार की नाकामी गिनाने वाले इस बयान पर कहा कि दोनों सरकारों की तुलना करना कोई मुद्दा नहीं है. सिन्हा ने कहा कि जनता ने यूपीए को सरकार से बाहर कर दिया है. अगले चुनाव में जनता मौजूदा सरकार के काम के आधार पर टेस्ट करेगी.
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में मंत्री रहे यशवंत सिन्हा पहले भी नोटबंदी और जीएसटी को लेकर मोदी सरकार की आलोचना कर चुके हैं. उनके बाद एक और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी ने भी मोदी सरकार को आर्थित नीति पर घेरा था. शौरी ने नोटबंदी के फैसले को मनी लॉन्ड्रिंग करार दिया था. हर तरफ से हो रही आलोचना के बाद पीएम मोदी ने बुधवार को आंकड़ों के साथ जवाब दिये थे.
इन दोनों नेताआें के पहले एस गुरुमूर्ति आैर सुब्रमणियम स्वामी ने भी भारतीय अर्थव्यवस्था में आयी गिरावट आैर नोटबंदी तथा जीएसटी को लेकर सरकार पर तीखी आलोचना की है. नोटबंदी से हुए आर्थिक नुकसान को लेकर इस समय केंद्र की पीएम मोदी की सरकार इस समय अपने ही लोगों की आलोचना से घिरी है.
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