ट्रेन की बोगी में निचली सीट (lower berth) को सबसे आरामदायक माना जाता है. रेलवे अब आपके आराम के बदले ज्यादा पैसे वसूलने की तैयारी कर रहा है.
यही नहीं, अगर आप अपने घर-परिवार से दूर रहते हैंऔर पर्व-त्योहार में घर जाते हैं तो उसके लिए भी आपको अपनी जेब ढीली करनी पड़ेगी. जी हां, रेलवे की किराया समीक्षा समिति ने ये सिफारिशें की हैं.
अगर रेलवे बोर्ड इन सिफारिशों को स्वीकार कर लेता है, तो रेल यात्रियों को नीचे की बर्थ या त्योहारी मौसम में टिकट बुक कराने पर एक्स्ट्रा चार्ज देना होगा.
प्रीमियम ट्रेनों में फ्लेक्सी किराया प्रणाली की समीक्षा के लिए गठित समिति ने सुझाव दिया है कि रेलवे को एयरलाइंस और होटलों की तरह डायनैमिक प्राइसिंग मॉडल अपनाना चाहिए.
समिति का तर्क है कि जिस तरह से विमान में यात्रियों को आगे की लाइन की सीटों के लिए अधिक भुगतान करना पड़ता है, उसी तरह ट्रेनों में भी यात्रियों से उनकी पसंद की बर्थ के लिए अधिक किराया वसूला जाना चाहिए.
समिति का सुझाव है कि सुविधाजनक समय सारिणी और किसी खास रूट विशेष मार्ग पर लोकप्रिय ट्रेनों का किराया बढ़ाया जा सकता है.
ऐसा नहीं है कि रेलवे की किराया समीक्षा समिति ने सिर्फ किराये बढ़ाने की सिफारिश की है. समिति के मुताबिक, जिस तरह रेलवे को त्योहारी सीजन के दौरान किराया बढ़ाना चाहिए,उसी तरह कम व्यस्त महीनों (ऑफ सीजन) में किराये में कमी भी करनी चाहिए.
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