पीएनबी ऋण घोटाले पर उद्योग मंडलों ने जतायी चिंता, कहा- जोखिम प्रबंधन प्रणाली बेहतर हो

नयी दिल्ली : देश के उद्योग जगत ने बैंकों में धोखाधड़ी के बढ़ते जोखिम पर चिंता व्यक्त करते हुए पंजाब नेशनल बैंक में कथित धोखाधड़ी करने वालों के खिलाफ त्वरित और कड़ी कारवाई करने का आह्वान किया है. साथ ही बैंकों में जोखिम प्रबंधन प्रणाली को बेहतर बनाने पर जोर दिया है.... आपको बता दें […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 17, 2018 7:16 AM
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नयी दिल्ली : देश के उद्योग जगत ने बैंकों में धोखाधड़ी के बढ़ते जोखिम पर चिंता व्यक्त करते हुए पंजाब नेशनल बैंक में कथित धोखाधड़ी करने वालों के खिलाफ त्वरित और कड़ी कारवाई करने का आह्वान किया है. साथ ही बैंकों में जोखिम प्रबंधन प्रणाली को बेहतर बनाने पर जोर दिया है.

आपको बता दें कि सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक में 1.77 अरब डालर (करीब 11,400 करोड़ रुपये) का घोटाला सामने आया है. इसमें बैंक से धोखाधड़ीपूर्ण तरीके से अरबपति आभूषण विक्रेता नीरव मोदी को गारंटी पत्र उपलब्ध कराये जाने की बात सामने आयी है जिसके जरिये विदेशों में दूसरे भारतीय बैंकों से कर्ज उठाया गया.

उद्योग मंडल एसोचैम ने कहा है कि बैंक की एक शाखा से इस कथित धोखाधड़ी के मामले से पता चलता है कि भारतीय बैंकों विशेषकर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में धोखाधड़ी का कितना जोखिम है। यह देश की वित्तीय प्रणाली के लिये एक बड़ा जोखिम हो सकता है. उद्योग मंडल ने कहा है कि पीएनबी में हुई धोखाधड़ी की इस घटना से हमारी आंखें खुल जानी चाहिये. यह बताता है कि खामी रहित प्रबंधन प्रणाली से हम अभी कितने दूर हैं.

देश के एक अन्य प्रमुख उद्योग मंडल फिक्की ने भी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक में हुई धोखाधड़ी की कड़ी निदा की है और सरकारी एजेंसियों की त्वरित कारवाई का उचित ठहराया है. फिक्की अध्यक्ष राशेस शाह की तरफ से जारी वक्तव्य में कहा गया है कि धोखाधड़ी करने वालों के खिलाफ कानून के तहत त्वरित और कड़ी कारवाई की जानी चाहिये. फिक्की और एसोचैम ने बैंकिंग तंत्र में जोखिम प्रबंधन को बेहतर बनाने और खामियों को दूर करने के लिये पूरी गहराई के साथ प्रणाली का विश्लेषण करने पर जोर दिया है.

उद्योग मंडल ने कहा है कि बैंकिंग संस्थानों में इस तरह की घटना नहीं दोहराई जायें इसका पुख्ता इंतजाम किया जाना चाहिये। उद्योग मंडल ने कहा है कि वह उद्योगों की स्वतंत्रता की वकालत तो करता है लेकिन अवैध और अनुचित तरीके से व्यापार करने का समर्थन नहीं करता.

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