खुदरा मुद्रास्फीति में कमी तथा वृद्धि को रफ्तार देने की जरूरत की वजह से केंद्रीय बैंक पर नीतिगत दरों में कटौती का दबाव है. अमेरिकी ब्रोकरेज कंपनी मॉर्गन स्टेनली ने एक नोट में कहा, ‘हमारा अनुमान है कि एमपीसी नीतिगत दरों को यथावत रखेगी और अपना तटस्थ रुख कायम रखेगी.’ बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच (बोफाएमएल) ने भी यही राय जतायी है.
हालांकि, उसने कहा कि यदि मॉनसून अनुकूल रहता है, तो अगस्त समीक्षा में केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में कटौती कर सकता है. उद्योग मंडलों का भी मानना है कि रिजर्व बैंक ब्याज दरों में बदलाव नहीं करेगा. एसोचैम ने बयान में कहा कि रिजर्व बैंक के पास ब्याज दरों में कटौती की काफी कम गुंजाइश है ऐसे में हमारा अनुमान है कि इसमें बदलाव नहीं होगा. फिलहाल रेपो दर 6 प्रतिशत तथा रिवर्स रेपो दर 5.75 प्रतिशत पर है.
कोटक महिंद्रा बैंक का मानना है कि अभी रिजर्व बैंक द्वारा नीतिगत दरों में बदलाव नहीं किया जायेगा, क्योंकि2018-19 में मुद्रास्फीति 4.5 प्रतिशत पर रहने का अनुमान है.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.