बैंक धोखाधड़ी : गुजरात की कंपनी DPIL की 1122 करोड़ रुपये की संपत्ति इडी ने की कुर्क

नयी दिल्ली: इन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट (इडी) नेकहा है कि उसने बैंक धोखाधड़ी के एक मामले में धन शोधन की जांच के संबंध मेंबड़ोदरा स्थित कंपनी डीपीआइएल प्राइवेट लिमिटेड की विंड मिल्स और एक निर्माणाधीन होटल समेत 1,122 करोड़ रुपये तक की संपत्ति कुर्क की है. डायमंड पावर इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (डीपीआइएल) विभिन्न बैंकों से 2,654 करोड़ रुपये […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 24, 2018 1:27 PM
an image

नयी दिल्ली: इन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट (इडी) नेकहा है कि उसने बैंक धोखाधड़ी के एक मामले में धन शोधन की जांच के संबंध मेंबड़ोदरा स्थित कंपनी डीपीआइएल प्राइवेट लिमिटेड की विंड मिल्स और एक निर्माणाधीन होटल समेत 1,122 करोड़ रुपये तक की संपत्ति कुर्क की है. डायमंड पावर इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (डीपीआइएल) विभिन्न बैंकों से 2,654 करोड़ रुपये तक की धोखाधड़ी की आरोपी है. केंद्रीय जांच एजेंसी ने सीबीआइ की प्राथमिकी पर संज्ञान लेने के बाद धन शोधन निरोधक अधिनियम (पीएमएलए) के तहत कंपनी और उसके प्रोमोटरों के खिलाफ आपराधिक मामला दायर किया था और पिछले महीने उसके परिसरों की तलाशी ली थी.

प्रवर्तन निदेशालय ने मंगलवार को कहा, ‘डीपीआइएल और उससे संबंधित कंपनियों जैसे कि डायमंड पावर ट्रांसफॉर्मर लिमिटेड, डायमंड प्रोजेक्ट्स लिमिटेड, मेफेयर लेजर्स और नॉर्थ-वे स्पेसिस की अस्थायी आदेश के तौर पर संपत्ति कुर्क कर ली है.’ ईडी ने कहा, ‘संपत्तियों में संयंत्र, मशीनरी, इमारत और जमीन, भुज में तीन विंडमिल्स, भटनागर परिवार के आवासीय बंगले/फ्लैट, बिना बिके हुए फ्लैट्स, निर्माणाधीन होटल और अन्य जमीन शामिल हैं. डीपीआइएल की ये सभी संपत्तियां बड़ोदरा मेंहैं.’

इसे भी पढ़ें : CBI ने लोन धोखाधड़ी में टोटम इंफ्रास्ट्रक्चर के खिलाफ दर्ज किया केस

एजेंसी ने कहा कि डीपीआइएल ने अपनी संबंधित संस्थाओं के जरिये ‘धोखाधड़ी’ करके 261 करोड़ रुपये तक की निधि हासिल की. उसने बैंकों से लेटर ऑफ क्रेडिट (एलसी) की सुविधा को तोड़-मरोड़कर यह निधि हासिल की. ईडी ने कहा, ‘कंपनी ने कर्ज/नकद के रूप में हासिल बड़ी निधि को नॉर्थ-वे स्पेसिस और मेफेयर लेजर्स जैसी रियल इस्टेट कंपनियों में भी लगाया.’

उसने कहा, ‘ऐसा प्रतीत होता है कि डायमंड समूह की कंपनियों की वास्तविक व्यापारिक गतिविधि बहुत कम रही और रिकॉर्डों में दिखाया गया ज्यादातर व्यापार ऐसे फर्जी लेन-देन से किया गया और इससे बैंकों के साथ 2654.40 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी कीगयी. इडी इस बात की जांच कर रहा है कि क्या ये कर्ज गैरकानूनी संपत्तियां और काला धन बनाने में इस्तेमाल किया गया. सीबीआइ ने कहा था कि बिजली की केबल और उपकरण बनाने वाली डीपीआइएल को एसएन भटनागर और उनके बेटे अमित भटनागर और सुमित भटनागर प्रोमोट करते हैं, जो इस कंपनी के कार्यकारी अधिकारी भी हैं.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें

Business

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version