अनिल अंबानी के रिलायंस नैवल के भविष्य पर मंडरा रहा खतरा, आॅडिटर्स ने जतायी आशंका

नयी दिल्ली : अनिल अंबानी समूह की कंपनी रिलायंस नैवल एंड इंजीनियरिंग के भविष्य को लेकर लेखा परीक्षकों ने संदेह जताया है. कंपनी के वित्त वर्ष 2017-18 के परिणाम में अपने नोट में इसके लेखा परीक्षकों पाठक एचडी एंड एसोसिएट्स ने नकद नुकसान, नेटवर्क घटने, गारंटीशुदा ऋणदाताओं द्वारा कर्ज वापस लेने, मौजूदा ऊंची देनदारियां जो […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 24, 2018 6:10 PM
an image

नयी दिल्ली : अनिल अंबानी समूह की कंपनी रिलायंस नैवल एंड इंजीनियरिंग के भविष्य को लेकर लेखा परीक्षकों ने संदेह जताया है. कंपनी के वित्त वर्ष 2017-18 के परिणाम में अपने नोट में इसके लेखा परीक्षकों पाठक एचडी एंड एसोसिएट्स ने नकद नुकसान, नेटवर्क घटने, गारंटीशुदा ऋणदाताओं द्वारा कर्ज वापस लेने, मौजूदा ऊंची देनदारियां जो संपत्तियों से अधिक हो चुकी हैं, को इसकी प्रमुख वजह बताया. इसके अलावा, कई कर्जदाताओं ने कंपनी के परिचालन को बंद करने के बारे में आवेदन किया है. इससे कंपनी के भविष्य को लेकर आशंका पैदा होती है.

इसे भी पढ़ेंः रिलायंस डिफेंस के तीसरी तिमाही का शुद्ध घाटा घटकर 133 करोड़ रुपये रह गया

लेखा परीक्षक ने नोट में कहा है कि ये परिस्थितियां अनिश्चितता की स्थिति पैदा करती हैं, जिससे कंपनी के आगे परिचालन जारी रखने को लेकर चिंता पैदा होती है. बीते वित्त वर्ष की जनवरी-मार्च तिमाही में कंपनी का शुद्ध नुकसान 408.68 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 139.92 करोड़ रुपये था. कंपनी के वित्तीय परिणाम सोमवार को आये हैं. वित्त वर्ष 2017-18 में कंपनी को 956.09 करोड़ रुपये का शुद्ध नुकसान हुआ है.

इससे पिछले, वित्त वर्ष में कंपनी को 523.43 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था. तिमाही के दौरान कंपनी की आय घटकर 34.76 करोड़ रुपये रह गयी, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 250.84 करोड़ रुपये थी. पूरे वित्त वर्ष में कंपनी की आय घटकर 413.84 करोड़ रुपये रह गयी, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 564.14 करोड़ रुपये रही थी.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें

Business

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version