इससे कम मूल्य के व्यावसायिक विवाद भी इसके दायरे में आ जायेंगे. प्रसाद ने संवाददाताओं से कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने व्यावसायिक अदालतों, उच्च न्यायालय अधिनियम के वाणिज्यिक खंड और वाणिज्यिक अपीलीय खंड में संशोधन के लिये अध्यादेश लाने को मंजूरी दे दी.
प्रस्तावित अध्यादेश संसद में इस संबंध में लंबित विधेयक का स्थान लेगा. इसके अमल में आने के बाद कम मूल्य के व्यावसायिक विवादों के निपटान में लगने वाले मौजूदा 1,445 दिन के औसत समय को कम किया जायेगा. ‘कारोबार सुगमता’ विश्व बैंक का एक सूचकांक है जो किसी देश में कारोबार संबंधी विवाद निपटाने के माहौल के बारे में बताता है. इस सूचकांक से निवेशकों को किसी देश में कारोबार स्थापित करने के बारे में फैसला करने में मदद मिलती है.
इस संशोधन में चेन्नई, दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और हिमाचल प्रदेश के उच्च न्यायालयों की सामान्य वास्तविक नागरिक न्यायक्षेत्र के तहत आने वाले क्षेत्रों में जिला स्तर पर व्यावसायिक अदालतें स्थापित करने का प्रावधान है.
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