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इसी प्रकार, एक महीने और तीन महीने की अवधि की कोष की सीमांत लागत आधारित ऋण दर 0.10 फीसदी बढ़ाकर क्रमश : 8.20 फीसदी और 8.30 फीसदी किया. छह महीने की अवधि की कोष की सीमांत लागत आधारित दर 8.45 फीसदी होगी, वर्तमान में दर 8.35 फीसदी है. बैंक ने कहा कि बढ़ी हुई दरें 10 जून, 2018 से प्रभावी होंगी.
गौरतलब है कि कोष की सीमांत लागत या एमसीएलआर वह दर है, जिस पर बैंक अपनी खजाना जुटाने की लागत के हिसाब से लोन देते हैं. अगर बैंक को सस्ते ब्याज दर पर पैसा मिलता है, तो वह ग्राहकों को सस्ता लोन देता है . अगर उसे महंगे दर पर जमा मिलता है, तो वह ग्राहकों के लोन की दर बढ़ा देता है. एमसीएलआर की दर के बढ़ने का मतलब है कि होम, ऑटो, व्यक्तिगत या सभी प्रकार के लोन महंगे हो जायेंगे, क्योंकि ये सभी एमसीएलआर पर ही आधारित होते हैं.
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