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सीओएआई ने कहा कि यह खर्च ऐसे समय करना पड़ेगा, जबकि दूरसंचार क्षेत्र पहले से ही वित्तीय संकट झेल रहा है. सभी ऑपरेटरों को इन नियमों का अनुपालन दिसंबर तक करना है. सीओएआई के महानिदेशक राजन एस मैथ्यू ने यहां संवाददाताओं से कहा कि यह प्रणाली दुनिया में कहीं भी लागू नहीं की गयी है. यह बताना मुश्किल है कि इसमें कितनी लागत आयेगी और कितना समय लगेगा. अनुमानत: प्रणाली को इसके अनुरूप करने के लिए 200 से 400 करोड़ रुपये का निवेश करने की जरूरत होगी.
मैथ्यू ने कहा कि इस प्रणाली को लागू करने की दिसंबर की समयसीमा भी व्यावहारिक नहीं है. उन्होंने कहा कि इस पूरी प्रणाली को लागू करने में एक से डेढ़ साल का समय लगेगा. यह पूछे जाने पर कि क्या इसकी लागत का बोझ उपभोक्ताओं पर डालकर दरों में बढ़ोतरी होगी, मैथ्यू ने कहा कि आमतौर पर लागत का बोझ उपभोक्ताओं पर डाला जाता है, लेकिन इस मामले में सब कुछ बाजार स्थिति पर निर्भर करेगा.
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