नयी दिल्ली : सरकार बीमा ब्रोकिंग क्षेत्र में 100 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति देने पर विचार कर रही है. सूत्रों का कहना है कि सरकार के इस कदम से इस क्षेत्र को बढ़ावा मिल सकेगा. फिलहाल, एफडीआई नीति के तहत बीमा क्षेत्र में 49 फीसदी विदेशी निवेश की अनुमति है.
इसे भी पढ़ें : कांग्रेस को मनाने में सफल रही मोदी सरकार, बीमा विधेयक राज्यसभा में भी पास
औद्योगिक नीति एवं संवर्द्धन विभाग (डीआईपीपी) के अनुसार, इसमें बीमा ब्रोकिंग, बीमा कंपनियां, तीसरा पक्ष प्रशासक, निरीक्षणकर्ता और नुकसान का आकलन करने वाले शामिल हैं. डीआईपीपी वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की इकाई है, जो एफडीआई से संबंधित मामलों को देखती है और देश में कारोबार सुगमता की स्थिति के लिए काम करती है.
समय-समय पर सरकार से यह मांग की जाती रही है कि बीमा ब्रोकरों को अन्य वित्तीय सेवा मध्यस्थ इकाइयों के समान माना जाना चाहिए. इन इकाइयों में सौ फीसदी एफडीआई की अनुमति है. सूत्रों ने कहा कि बीमा ब्रोकिंग किसी अन्य वित्तीय या जिंस ब्रोकिंग सेवा की तरह है. इस मुद्दे पर हाल में एक उच्चस्तरीय मंत्री स्तरीय बैठक में विचार हुआ. सरकार सकारात्मक तरीके से इस पर विचार कर रही है.
हालांकि, अधिकारी ने स्पष्ट किया कि बीमा कंपनियों के लिए एफडीआई की सीमा 49 फीसदी ही है. वित्त मंत्री ने हाल में इस विषय पर बैठक की थी. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने भी इस बारे में डीआईपीपी से विचार मांगे हैं. उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि बीमा क्षेत्र कमजोर वितरण नेटवर्क से प्रभावित हो रहा है. ऐसे में वितरण नेटवर्क को मजबूत करने की जरूरत है.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.
RBI Repo Rate: रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं, RBI ने 5.5% पर रखा बरकरार, जानें क्या होगा प्रभाव
Satyapal Malik Net Worth: अपने पीछे कितनी संपत्ति छोड़ गए सत्यपाल मलिक? प्रॉपर्टी और गोल्ड की पूरी जानकारी
अमेरिकी टैरिफ की धमकी से शेयर बाजार में गिरावट, सेंसेक्स और निफ्टी लुढ़के
राजस्थान सरकार स्टार्टअप्स को देगी 5 करोड़ का इनाम, 100 करोड़ का इक्विटी फंड