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यह मामला न्यायमूर्ति जेएस मुखोपाध्याय की अध्यक्षता वाली एनसीएलएटी की दो सदस्यीय पीठ के सामने है. पीठ के सामने मंगलवार को जब इस मामले का उल्लेख किया गया, तो उसने मामले को सुनवाई के लिए 25 फरवरी को पेश करने का निर्देश दिया. इस मामले में कथित रूप से 230 करोड़ रुपये का भुगतान जुड़ा है.
एचएसबीसी डेजी इन्वेस्टमेंट्स और अन्य की शिकायत है कि एनसीएलएटी के 26 जून, 2018 के आदेश में उनके साथ रिलायंस इन्फ्राटेल की जो सहमति बनी थी, उसके अनुसार बकाये का भुगतान छह माह में करने का वादा किया गया था, लेकिन अंबानी की कंपनी ने न्यायाधिकरण में किये गये वादे के बावजूद भुगतान नहीं किया.
छह माह की अवधि बीत जाने के बाद एचएसबीसी डेजी और नौ अन्य अल्पांश शेयरधारक ने यह अवमानना याचिका दायर की. इनकी रिलायंस इंफ्राटेल में 4.26 फीसदी हिस्सेदारी है.
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