चुनावों में Facebook के बेजा इस्तेमाल को लेकर काफी चिंतित है संसदीय समिति

नयी दिल्ली : संसद की एक समिति ने इंटरनेट पर सामाजिक संपर्क का मंच उपलब्ध कराने वाली अमेरिकी कंपनी फेसबुक की भारत में चुनावों के दौरान इस मंच का दुरुपयोग रोकने की क्षमता को लेकर चिंता जतायी है। फेसबुक के वरिष्ठ अधिकारी सूचना प्रौद्योगिकी पर संसद की स्थायी समिति के सामने हाजिर हुए. भाजपा सांसद […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 6, 2019 5:23 PM
an image

नयी दिल्ली : संसद की एक समिति ने इंटरनेट पर सामाजिक संपर्क का मंच उपलब्ध कराने वाली अमेरिकी कंपनी फेसबुक की भारत में चुनावों के दौरान इस मंच का दुरुपयोग रोकने की क्षमता को लेकर चिंता जतायी है। फेसबुक के वरिष्ठ अधिकारी सूचना प्रौद्योगिकी पर संसद की स्थायी समिति के सामने हाजिर हुए. भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर की अध्यक्षता वाली इस समिति की बैठक में समिति के सदस्यों ने फेसबुक मंच के दुरुपयोग की संभावनाओं को लेकर उसके अधिकारियों से सवाल पूछे और उनका जवाब सुना.

इसे भी देखें : Facebook ने चुनाव में हस्तक्षेप के मकसद से बने और अकाउंट को बंद किया

सूत्रों ने बताया कि फेसबुक ने यह आश्वासन दिया है कि वह चुनाव के समय अपने मंच पर विज्ञापन देने वालों की पहचान, उनका स्थान और उसका भुगतान करने वालों की पहचान एक अलग वेब पृष्ठ पर उपलब्ध करायी जायेगी, जिसे उपयोगकर्ता देख सकेंगे. सूत्रों ने कहा कि फेसबुक की ओर से समिति को बताया गया कि वह एक ‘हाईब्रिड कंपनी’ (मिले जुले क्षेत्र की कंपनी) है. उसके अधिकारी यह नहीं बता सकते कि भारत में उनके नेटवर्क की सामग्री, विज्ञापन और विपणन कार्यों पर कौन सी विनियामक व्यवस्था लागू होती है.

कंपनी ने यह भी कहा कि यह जरूरी नहीं है कि नेटवर्क सामग्री को सामान्य बनाने के बारे में उसका निर्णय हमेशा सही ही हो. सूत्रों में से एक ने यह भी कहा कि समिति के सदस्यों को लगता है कि फेसबुक ने चाहे पिछली गलतियों के लिए कोई भी माफी क्यों न मांगी हो, पर वह अब भी नहीं चाहती कि उसकी समुचित तरीके से जांच हो और वह पारदर्शी रहे.

सूत्रों ने कहा कि कुछ सदस्यों ने आतंकवाद और हाल के पुलवामा हमले के समय इस कंपनी के कर्मचारियों की ओर से किये गये कुछ ट्वीट और सार्वजनिक टिप्पणियों का मुद्दे उठाये, जो संवेदनहीन किस्म की थीं. कंपनी के उपाध्यक्ष (वैश्विक जनसंपर्क नीति) जोएल काप्लान ने इनको लेकर माफी मांगी थी. समिति के करीब-करीब सभी सदस्य इस बात को मानने को राजी नहीं दिखे कि फेसबुक के कर्मचारी निष्पक्ष आचरण कर रहे हैं.

संसद की इस 31 सदस्यीय समिति की यह बैठक समाचार और सामाजिक संपर्क के डिजिटल मंचों पर जनता के अधिकारों की रक्षा के बारे में फेसबुक और उससे संबद्ध व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम जैसी इकाइयों की राय जानने को बुलायी गयी थी.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें

Business

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version