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एतिहाद समूह के मुख्य कार्यकारी टॉनी डगलस को लिखे पत्र में गोयल ने कहा कि अंतरिम तौर पर कोष जुटाने के लिए उसने जेट प्रिवलेज में अपने शेयरों को गिरवी रखने के लिए विमानन मंत्रालय से मंजूरी भी ले ली है. इस लॉयल्टी कार्यक्रम में जेट की हिस्सेदारी 49.9 फीसदी है, जबकि बहुलांश हिस्सेदारी एतिहाद की है. एतिहाद के पास जेट में अप्रैल, 2014 से 24 फीसदी हिस्सेदारी है. कंपनी अबू धाबी में सोमवार को अपने निदेशक मंडल की बैठक के दौरान जेट के समाधान पर विचार-विमर्श करेगी.
गोयल ने आठ मार्च को लिखे पत्र में कहा कि अगले हफ्ते की शुरुआत में तत्काल 750 करोड़ रुपये की पूंजी निवेश से इस एयरलाइन को बचाने के लिए मैं आपके समर्थन की उम्मीद करता हूं. इससे पहले 14 फरवरी को जेट एयरवेज के निदेशक मंडल ने कंपनी पर कर्ज का पुनर्गठन करने की योजना को हरी झंडी दे दी थी. इसके बाद कंपनी को कर्ज देने वाले बैंक सबसे बड़े हिस्सेदार बन जायेंगे, क्योंकि कंपनी को दिये गये कर्ज को एक रुपये के न्यूनतम मूल्य पर शेयर में परिवर्तित कर दिया जायेगा.
शेयरधारकों ने भी इस पुनर्गठन योजना को 21 फरवरी को मंजूर कर दिया. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि यह अंतरिम मदद नहीं की गयी, तो यह एयरलाइन के भविष्य के लिए बेहतर नहीं होगा और कंपनी बंद हो जायेगी.
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