यूनिटेक के मालिकों को तिहाड़ में अब नहीं मिलेंगी वीवीआईपी सुविधाएं, जानिये क्यों…?

नयी दिल्ली : यूनिटेक लिमिटेड की फोरेंसिक लेखा परीक्षा में कंपनी की ओर से सहयोग नहीं किये जाने से नाराज सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को उसके प्रवर्तकों संजय चंद्रा और उसके भाई अजय चंद्रा को जेल मे मिल रही सारी सुविधाएं वापस लेने का आदेश दिया. दोनों भाई घर खरीदारों के पैसे की हेर-फेर करने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 9, 2019 10:33 PM
an image

नयी दिल्ली : यूनिटेक लिमिटेड की फोरेंसिक लेखा परीक्षा में कंपनी की ओर से सहयोग नहीं किये जाने से नाराज सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को उसके प्रवर्तकों संजय चंद्रा और उसके भाई अजय चंद्रा को जेल मे मिल रही सारी सुविधाएं वापस लेने का आदेश दिया. दोनों भाई घर खरीदारों के पैसे की हेर-फेर करने के आरोप में 2017 से तिहाड़ जेल में बंद हैं.

इसे भी देखे : सुप्रीम कोर्ट ने यूनिटेक को आठ हफ्ते में निवेशकों का पैसा लौटाने का दिया आदेश

अदालत ने कहा कि चंद्रा भाइयों के साथ तिहाड़ जेल के कारा प्रावधान के अनुसार सामान्य कैदियों की तरह ही व्यवहार किया जाना चाहिए. इससे पहले अदालत ने 2017 में जेल प्रशासन को चंद्रा बंधुओं को कंपनी के अधिकारियों एवं वकीलों से मुलाकात की व्यवस्था करने का निर्देश दिया था, ताकि वे निर्माणाधीन आवास परियोजनाओं को पूरा करने और घर खरीदारों का पैसा वापस करने के लिए धन का प्रबंध कर सकें.

कंपनी की जांच के लिए नियुक्त फोरेंसिक लेखा परीक्षकों ने गुरुवार को न्यायालय को बताया कि कंपनी उनके साथ सहयोग नहीं कर रही है. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने इसके बाद कहा कि उनके पास यूनिटेक के मामलों की सीबीआई जांच का आदेश देने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचता है. न्यायमूर्ति डीवाय चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एमआर शाह की पीठ ने सीबीआई जांच के बारे में तत्काल कोई सीधा आदेश नहीं दिया, लेकिन पीठ ने कहा कि उसे अगली सुनवाई में महाधिवक्ता केके वेणुगोपाल के सहयोग की जरूरत होगी.

पीठ ने कहा कि वह महाधिवक्ता से यह भी जानना चाहेगी कि क्या सरकार घर खरीदारों के हितों की रक्षा के लिए यूनिटेक समूह और उसकी अनुषंगियों का प्रबंधन अपने हाथों में ले सकती है. पीठ ने यूनिटेक की अटकी परियोजनाओं को केंद्रीय निर्माण एजेंसियों के जरिये सरकार द्वारा पूरा कराये जाने के बारे में भी महाधिवक्ता की राय जानने की इच्छा जाहिर की.

मामले में अदालत का सहयोग कर रहे अधिवक्ता पवन श्री अग्रवाल ने बताया कि गुड़गांव नगर निगम ने यूनिटेक की सैकड़ों करोड़ रुपये की एक संपत्ति की नीलामी प्रक्रिया शुरू की है. पीठ ने इस बारे में कहा कि वह मामले की सुनवाई संपन्न होने तक नीलामी प्रक्रिया पर रोक लगाने का आदेश देती है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 23 जनवरी को हुई सुनवाई के दौरान चंद्रा बंधुओं को जमानत देने से मना कर दिया था.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें

Business

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version