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आरआईएल शुद्ध लाभ हासिल करने के मामले में भी सबसे आगे रही. समाप्त वित्त वर्ष में उसका शुद्ध लाभ आईओसी के मुकाबले दोगुने से भी अधिक रहा. बढ़ते कारोबार के बीच रिलायंस का शुद्ध लाभ 2018- 19 में 39,588 करोड़ रुपये रहा, जबकि इंडियन ऑयल ने समाप्त वित्त वर्ष में 17,274 करोड़ रुपये का मुनाफा दर्ज किया है.
करीब एक दशक पहले इंडियन ऑयल के मुकाबले आईओसी का कारोबार आधा था, लेकिन कंपनी द्वारा दूरसंचार, खुदरा और डिजिटल सेवाओं के क्षेत्र में विस्तार करने से उसके कारोबार में तेजी से वृद्धि हुई. आईओसी पिछले साल तक देश की सबसे ज्यादा मुनाफा कमाने वाली कंपनी थी, लेकिन इस साल लगता है कि तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) उसे पीछे छोड़ देगा.
ओएनजीसी के सालाना परिणाम अभी आने हैं. नौ महीने में कंपनी 22,671 करोड़ रुपये का मुनाफा हासिल कर चुकी है. इसके विपरीत रिलायंस इंडस्ट्रीज का शुद्ध लाभ 13 फीसदी बढ़कर 39,588 करोड़ रुपये हो गया, जबकि 2017- 18 में उसने 34,988 करोड़ रुपये का मुनाफा हासिल किया था. सार्वजनिक क्षेत्र की ओएनजीसी ने 2017- 18 में 19,945.26 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया. तब यह आईओसी के मुकाबले पीछे थी. उस साल आईओसी ने 22,189.45 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हासिल किया.
इस लिहाज से रिलायंस इंडस्ट्रीज ने कुल कारोबार, मुनाफा और बाजार पूंजीकरण तीनों मानदंडों में शीर्ष स्थान हासिल कर लिया है. रिलायंस ने मजबूत रिफाइनिंग मार्जिन और तेजी से बढ़ते खुदरा कारोबार के चलते रिलायंस ने 2018-19 में 44 फीसदी वृद्धि हासिल की. कंपनी ने वित्त वर्ष 2010 से लेकर 2019 की अवधि में साल दर साल 14 फीसदी की वृद्धि दर रही. इसके मुकाबले आईओसी की पिछले वित्त वर्ष में कारोबार वृद्धि 20 फीसदी और 2010 से 2019 की औसत सालाना वृद्धि दर 6.3 फीसदी रही.
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