GST की नयी-पुरानी रेट पर बिल्डर-खरीदारों में घमासान, पुरानी और नयी दरों को लेकर चल रही माथापच्ची

नयी दिल्ली : रीयल एस्टेट क्षेत्र के विशेषज्ञों ने कहा है कि घर खरीदार इस बात पर जोर दे रहे हैं कि वे फ्लैट खरीदने के लिए पांच फीसदी का वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) ही देंगे. इससे बिल्डरों के सामने नयी परेशानी खड़ी हो गयी है, क्योंकि अधिकतर कंपनियों ने पेंट, सीमेंट और इस्पात […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 22, 2019 9:42 PM
an image

नयी दिल्ली : रीयल एस्टेट क्षेत्र के विशेषज्ञों ने कहा है कि घर खरीदार इस बात पर जोर दे रहे हैं कि वे फ्लैट खरीदने के लिए पांच फीसदी का वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) ही देंगे. इससे बिल्डरों के सामने नयी परेशानी खड़ी हो गयी है, क्योंकि अधिकतर कंपनियों ने पेंट, सीमेंट और इस्पात पर इनपुट कर छूट (आईटीसी) का लाभ लेने के लिए 12 फीसदी के पुराने दर को अपनाया है.

इसे भी देखें : Book फ्लैट को कैंसिल करने पर बिल्डर को लौटाना होगा GST, जानिये क्यों…?

जीएसटी परिषद ने रीयल इस्टेट क्षेत्र में जीएसटी की दर को नरम बनाने के लिए बिल्डरों को एक अप्रैल, 2019 से इनपुट कर छूट के बिना आवासीय इकाइयों पर पांच फीसदी एवं सस्ते मकानों पर एक फीसदी की दर से जीएसटी लेने की अनुमति दे दी थी. वर्तमान परियोजनाओं के लिए बिल्डरों को आईटीसी के साथ आवासीय इकाइयों पर 12 फीसदी की जीएसटी (सस्ते मकानों के लिए आठ फीसदी) या आईटीसी के बिना आवासीय इकाइयों पर पांच फीसदी की जीएसटी (सस्ते मकानों के लिए एक प्रतिशत) का विकल्प दिया गया है.

हालांकि, अधिकतर बिल्डरों ने आईटीसी का लाभ प्राप्त करने के लिए 12 फीसदी की दर को अपनाया था, लेकिन ग्राहक पांच फीसदी की दर से भुगतान पर जोर दे रहे हैं. क्रेडाई के नव-निर्वाचित अध्यक्ष सतीश मागर ने कहा कि बदलाव के दौर में ग्राहक जीएसटी की पुरानी दर से भुगतान का विरोध कर रहे हैं. हम उन्हें जीएसटी परिषद की ओर से मंजूर बदलाव ढांचे के बारे में बता रहे हैं और मनाने की कोशिश कर रहे हैं.

क्रेडाई के पूर्व अध्यक्ष गीतांबर आनंद ने कहा कि खरीदार नयी घटी हुई जीएसटी दर से भुगतान पर जोर दे रहे हैं और बिल्डर इससे निपटने के विकल्पों पर विचार कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें आईटीसी पर दावा करना होता है.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें

Business

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version