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दरअसल, दिसंबर, 2017 में रीयल्टी कंपनी डीएलएफ ने जीआईसी के साथ संयुक्त उद्यम बनाया था. उस समय डीएलएफ के प्रवर्तकों ने डीसीसीडीएल में अपनी समूची हिस्सेदारी 12,000 करोड़ रुपये में बेची थी. इस सौदे के तहत डीसीसीडीएल में 33.34 फीसदी हिस्सेदारी जीआईसी को करीब 9,000 करोड़ रुपये में बेची गयी थी, जबकि डीसीसीडीएल ने शेष शेयरों की करीब 3,000 करोड़ रुपये में पुनर्खरीद की थी. संयुक्त उद्यम कंपनी डीसीसीडीएल में डीएलएफ की 66.66 फीसदी तथा जीआईसी की 33.34 फीसदी हिस्सेदारी है.
विश्लेषकों के समक्ष प्रस्तुतीकरण में डीएलएफ ने सूचित किया है कि कंपनी ने गुड़गांव में मॉल ऑफ इंडिया के पास 330 करोड़ रुपये की 3.05 एकड़ जमीन का टुकड़ा स्थानांतरित किया है. इसके अलावा, उत्तर प्रदेश के नोएडा में 20 लाख वर्ग फुट की मॉल ऑफ इंडिया परियोजना को भी डीसीसीडीएल को स्थानांतरित करने की प्रक्रिया चल रही है. इसका मूल्यांकन 2,950 करोड़ रुपये है. इस सौदे के बाद बकाया राशि घटकर 5,450 करोड़ रुपये रह जायेगी.
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