मुंबई : सरकार ने 5जी परिचालन के लिए शुरुआती कदम उठाने शुरू कर दिये हैं. लेकिन दूरसंचार विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बृहस्पतिवार को दूरसंचार कंपनियों की 5जी नेटवर्क में निवेश करने की क्षमता को लेकर संदेह जताया.
दूरसंचार विभाग में अतिरिक्त सचिव अंशुल प्रकाश ने कहा कि दूरसंचार उद्योग पर भारी कर्ज का बोझ है. ऐसे में नयी पीढ़ी के नेटवर्क में उद्योग के लिए निवेश करना आसान नहीं होगा. दूरसंचार मंत्रालय ने 5जी परीक्षण अगले 100 दिन में शुरू करने की प्रतिबद्धता जतायी है.
प्रकाश ने यहां ‘5जी इंडिया 2019’ फोरम को संबोधित करते हुए कहा कि महत्वपूर्ण मुद्दा उद्योग की निवेश करने और पूंजी जुटाने की क्षमता है. बिना निवेश के 5जी नेटवर्क शुरू नहीं किया जा सकता.
उन्होंने कहा कि निवेश के लिए उद्योग की इच्छा और इसका रास्ता ढूंढने की क्षमता का अंदाजा आगे चलकर ही लगेगा. घरेलू रेटिंग एजेंसी क्रिसिल का अनुमान है कि मार्च तक उद्योग पर कुल 4.3 लाख करोड़ रुपये का कर्ज था.
यहां उल्लेखनीय है कि धन से संपन्न रिलायंस जियो के प्रवेश के बाद उद्योग में बुनियादी बदलाव आया है. जहां इससे भारत दुनिया के सबसे बड़े डेटा उपभोक्ताओं में शामिल हो गया है, वहीं इससे अन्य कंपनियों का एकीकरण शुरू हो गया है,उनका मुनाफा घटा है और कुछ दिवालिया होने के कगार पर भी हैं.
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