इसे भी देखें : सिक्कों से अभी नहीं मिलेगा छुटकारा, जेब में 350 रुपये का सिक्का जल्द ही खनकायेगा RBI
केंद्रीय बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2018-19 में मूल्य और संख्या के हिसाब से प्रचलित नोट में क्रमशः 17 फीसदी और 6.2 फीसदी की वृद्धि हुई और यह 21.10 लाख करोड़ रुपये और 10875.9 करोड़ इकाई रही. उल्लेखनीय है कि आठ नवंबर, 2016 को किये गये नोटबंदी का बड़ा उद्देश्य डिजिटल भुगतानों को बढ़ावा देना और नकदी के इस्तेमाल में कमी लाना था. हालांकि, वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि खुदरा इलेक्ट्रॉनिक भुगतान लेनदेन 59 फीसदी की वृद्धि के साथ 23.3 अरब रहा.
आरबीआई ने कहा है कि नकली नोटों का पता लगाये जाने में वित्त वर्ष 2018-19 में काफी गिरावट देखने को मिली. आलोच्य वर्ष में 3.17 लाख नकली नोट पकड़े गये. यह आंकड़ा वित्त वर्ष 2017-18 में 5.22 लाख नोट और उससे पहले के वित्त वर्ष में 7.62 लाख नोट था. केंद्रीय बैंक के मुताबिक, नोटों के मुद्रण पर लागत में वित्त वर्ष 2018-19 में मामूली कमी देखने को मिली और यह 4,811 करोड़ रुपये पर रह गया. वित्त वर्ष 2017-18 में यह आंकड़ा 4,912 करोड़ रुपये रहा था.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.