DGFT की अधिसूचना से इस्पात आयात को नुकसान, EEPC India ने वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को पत्र

नयी दिल्ली : भारतीय इंजीनियरिंग निर्यात संवर्द्धन परिषद (ईईपीसी इंडिया) ने वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) की इस्पात उत्पाद आयात के संबंध में जारी एक अधिसूचना को संशोधित करने का अनुरोध किया है. ईईपीसी का कहना है कि इससे देश में इस्पात के आयात को नुकसान होगा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 10, 2019 7:47 PM
feature

नयी दिल्ली : भारतीय इंजीनियरिंग निर्यात संवर्द्धन परिषद (ईईपीसी इंडिया) ने वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) की इस्पात उत्पाद आयात के संबंध में जारी एक अधिसूचना को संशोधित करने का अनुरोध किया है. ईईपीसी का कहना है कि इससे देश में इस्पात के आयात को नुकसान होगा और इससे इस्पात की कीमतें भी बढ़ सकती हैं.

इसे भी देखें : ईईपीसी ने किया उद्यमियों को पुरस्कृत, इंजीनियरिंग क्षेत्र का आर्थिक विकास में प्रमुख योगदान

इस अधिसूचना में इस्पात आयात निगरानी व्यवस्था के नाम पर भारतीय प्रशुल्क कोड (आईटीसी) एचएस के अध्याय 86 एवं 73 के तहत आने वाले कुछ उत्पादों और अध्याय 72 के अधिकतर इस्पात उत्पादों के आयात के लिए पंजीकरण अनिवार्य बना दिया गया है. पत्र में ईईपीसी इंडिया के चेयरमैन रवि सहगल ने डीजीएफटी की पांच सितंबर की इस अधिसूचना पर चिंता व्यक्त की है.

सहगल ने कहा कि इंजीनियरिंग सामान के निर्यातक पहले ही वैश्विक आर्थिक सुस्ती और बढ़ती घरेलू लागत से जूझ रहे हैं. इसलिए उनकी मांग है कि डीजीएफटी की हालिया अधिसूचना को संशोधित किया जाए, क्योंकि इन प्रावधानों से परिणामस्वरूप इस्पात का आयात सीमित होगा और इससे उसकी कीमतें तेज होंगी. इंजीनियरिंग निर्यात सामान बनाने में इस्पात का उपयोग एक प्रमुख कच्चे माल के तौर पर होता है.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें

Business

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version