इसके लिए सपा कार्यकर्ताओं की ओर से बाकायदा दुकान खोली गयी है और फिर लोगों को आधार कार्ड के बदले उधार में प्याज दिया जा रहा है. सपा के एक कार्यकर्ता ने बताया कि विरोध-प्रदर्शन का यह नायाब तरीका प्याज की बढ़ती कीमतों के खिलाफ किया जा रहा है. हम लोग आधार कार्ड या फिर चांदी के गहनों को गिरवी रखकर प्याज दे रहे हैं. कई दुकानों में प्याज को लॉकर में सुरक्षित रखा गया है.
गौरतलब है कि प्याज की बढ़ी कीमतों ने रसोई का बजट और जायका दोनों को बिगाड़ रखी है. देश के खुदरा बाजारों में प्याज 80 रुपये से लेकर 120 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रहा है. सरकार और प्याज कारोबारियों का कहना है कि महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में भारी बारिश की वजह से प्याज की फसल बर्बाद हो जाने का असर प्याज की थोक और खुदरा कीमतों पर पड़ रहा है. उनका कहना है कि इस साल दिसंबर के अंत तक प्याज की कीमतों में कमी आ सकती है.
उधर, अगर प्याज की कीमतों पर काबू रखने के लिए सरकार की ओर से किये जा रहे प्रयास की बात करें, तो इसकी कीमतों को कम होने में अभी कम से कम 20 दिन का समय और लगेगा. इसका कारण यह है कि सरकार ने मिस्र से करीब 15 सौ टन प्याज का आयात कर रही है, जो 12 दिसंबर को भारत पहुंचेगा और इसे खुदरा बाजार तक पहुंचते-पहुंचते सात-आठ दिन और लगेंगे. इस बीच, प्याज की कीमतों और उपलब्धता पर नजर रखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच मंत्रियों की समिति भी गठित की है.
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