वित्त वर्ष 2015-16 में 5 से 5.5 प्रतिशत रह सकती है खुदरा मुद्रास्फीति : समीक्षा

नयी दिल्ली : वित्त वर्ष 2015-16 में खुदरा मुद्रास्फीति नरम होकर 5 से 5.55 प्रतिशत रह सकती है. तेल कीमतों में नरमी, कमजोर वैश्विक मांग तथा कृषि आपूर्ति बढने से कीमत को दायरे में रखने में मदद मिलेगी. संसद में वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा संसद में आज पेश आर्थिक समीक्षा के अनुसार, ‘उपभोक्ता मूल्य […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 27, 2015 6:03 PM
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नयी दिल्ली : वित्त वर्ष 2015-16 में खुदरा मुद्रास्फीति नरम होकर 5 से 5.55 प्रतिशत रह सकती है. तेल कीमतों में नरमी, कमजोर वैश्विक मांग तथा कृषि आपूर्ति बढने से कीमत को दायरे में रखने में मदद मिलेगी. संसद में वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा संसद में आज पेश आर्थिक समीक्षा के अनुसार, ‘उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति 2014-15 में 6.5 प्रतिशत रह सकती है और आने वाले समय में इसमें गिरावट की संभावना है.

2015-16 के लिये हमारा अनुमान है कि सीपीआई मुद्रास्फीति 5.0 से 5.5 प्रतिशत के दायरे में रहेगी.’ तेल कीमतों में गिरावट तथा कृषि कीमतों तथा मजदूरियों में कमी से मुद्रास्फीति में संरचनात्मक परिवर्तन जारी है. समीक्षा के अनुसार रिजर्व बैंक ने जो मुद्रास्फीति का लक्ष्य रखा है, उसके मुकाबले अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन करीब 0.5 से 1.0 प्रतिशत अंक बेहतर रह सकता है.

इससे नीतिगत ब्याज दर में कटौती की गुंजाइश बनेगी. रिजर्व बैंक ने सीपीआई मुद्रास्फीति जनवरी 2015 में 8 प्रतिशत जनवरी 2016 में 6 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है.

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