नयी दिल्ली : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का मानना है कि धन के अभाव के कारण देश में नवोन्मेष का वातावरण ठंडा है. इस स्थिति में बदलाव के लिए उन्होंने आज बैंकों से कहा कि वे इस नवप्रवर्तन कार्य के लिए पूंजीगत जरुरतों को पूरा करने के लिए दिश भर में अपने विशेष काउंटर खोलें. राष्ट्रपति मुखर्जी यहां ‘नवोन्मेष के लिए वित्तपोषण’ पर एक संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि भारत ने जो ऊंची वृद्धि दर हासिल की है वह अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों में उत्पादकता में सुधार से ही संभव हुई है. राष्ट्रपति ने कहा, ‘विभिन्न खंडों, स्तरों और विभिन्न वर्गों में होने वाले नवोन्मेष से इस पूरी प्रक्रिया में बडी मदद मिलती है. मुखर्जी ने कहा कि सारी नवोन्मेष श्रृंखला में बैंकिंग प्रणाली की महती भूमिका है क्योंकि नवोन्मेष के लिए धन की व्यवस्था बहुत महत्वपूर्ण है.
राष्ट्रपति ने कहा, ‘मैं आपका ध्यान ग्रामीव व शहरी इलाकों हमारे प्रतिभावान युवाओं की उन वित्तीय जरुरतों की ओर दिलाना चाहूंगा जिन्हें बैंकिंग क्षेत्र को अभी पूरा करना है. अगर बैंक नवोन्मेषकों की जरुरतों को पूरा करने के लिए शहरों व कस्बों में समर्पित काउंटर खोल सकें तो यह उचित होगा.’
उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से भारत में ऐसे अनेक मामले हैं जिनमें नवोन्मेष के कार्य वित्तीय मदद के अभाव में आगे नहीं बढ सके. एनएसएसओ के सर्वेक्षण के अनुसार देश में लगभग 5.7 करोड छोटे उद्यमी लगभग 12 करोड लोगों को रोजगार दे रहे हैं. इस खंड के लिए उपलब्ध कर्ज लगभग 11 लाख करोड रुपये ही है जबकि इसका एक छोटा हिस्सा ही बैंकों और संस्थागत वित्तीय संस्थानों से प्राप्त होता है.
उन्होंने कहा कि नवप्रवर्तकों की वित्तीय जरुरतों के आकलन के लिए बैंकिंग प्रणाली राष्ट्रीय नवप्रवर्तन फाउंडेशन के साथ मिल कर जिलास्तीय ‘सलाहकार समूह’ तैयार कर सकती है. मुखर्जी ने कहा, ‘बैंकों को नवोन्मेषकों तक पहुंचने, उनका मार्गनिर्देशन करने के लिए पहल करनी होगी. रचनाधर्मी लोगों व सफल ग्राहकों के बीच संपर्क बनाने की यह भूमिका पासा पलटने वाला संस्थागत नवोन्मेष हो सकता है.’
राष्ट्रपति ने कहा कि कोई बैंक प्रबंधक किसी नवोन्मेषक के लिए घंटे भर में ही जो रास्ते निकाल सकता है वह नवोन्मेषक खुद शायद एक साल में भी नहीं कर पाए. वित्तीय सेवा सचिव हसमुख अधिया ने कहा कि वाणिज्यिक बैंक नवोन्मेषकों तथा उद्यमियों की जरुरतों को पूरा करने में विफल रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रस्तावित मुद्रा बैंक इस दिशा में बडा कदम साबित होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बैंक का शीघ्र ही उद्घाटन करेंगे.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.
RBI Repo Rate: रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं, RBI ने 5.5% पर रखा बरकरार, जानें क्या होगा प्रभाव
Satyapal Malik Net Worth: अपने पीछे कितनी संपत्ति छोड़ गए सत्यपाल मलिक? प्रॉपर्टी और गोल्ड की पूरी जानकारी
अमेरिकी टैरिफ की धमकी से शेयर बाजार में गिरावट, सेंसेक्स और निफ्टी लुढ़के
राजस्थान सरकार स्टार्टअप्स को देगी 5 करोड़ का इनाम, 100 करोड़ का इक्विटी फंड