मुंबई : रिजर्व बैंक ने आज कहा कि वह बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के खाद्य मूल्यों पर असर का आकलन कर रहा है हालांकि केंद्रीय बैंक ने उम्मीद जतायी कि आने वाले महीनों में सामान्य मानसून के कारण खुदरा मुद्रास्फीति अगस्त तक करीब चार प्रतिशत रह जाएगी.
आरबीआइ ने चालू वित्त वर्ष की अपनी पहली द्वैमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए आज कहा कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति वित्त वर्ष 2015-16 की पहली तिमाही के दौरान मौजूदा स्तर पर बने रहने की उम्मीद है जिसके बाद अगस्त में यह करीब चार प्रतिशत पर आ जाएगी और साल के अंत तक यह 5.8 प्रतिशत पर पहुंच जाएगी.
आरबीआइ ने कहा कि मुद्रास्फीति के ‘इस मुख्य अनुमान से उपर जाने के कुछ जोखिम भी है, जिनमें अल-नीनो की स्थिति में सामान्य से कम बारिश का होना, फल-सब्जी की कीमतों के मौसमी रुझान में घट बढ, मौजूदा बेमौसम बारिश, नियंत्रित मूल्य में उम्मीद से अधिक संशोधन आदि के जोखिम शामिल हैं.’
केंद्रीय बैंक ने कहा कि इसके अलावा भू-राजनैतिक घटनाक्रम वैश्विक जिंस की कीमतें बढने का खतरा भी है. विनिमय दर में बदलाव तथा परिसंपत्तियों के मूल्य के रास्ते से भी मुद्रास्फीति पर असर पड सकता है. आरबीआइ ने कहा कि बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के असर अभी सामने आ रहा है. शुरुआती अनुमानों से संकेत मिलता है कि करीब रबी फसल का 17 प्रतिशत रकबा प्रभावित हो सकता है हालांकि नुकसान का सही आंकडा अभी तय करना बाकी है.
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