सरकार जुलाई में जीएसटी पारित करने को लेकर प्रतिबद्ध : वित्त मंत्री

नयी दिल्ली : जीएसटी विधेयक पर पैर पीछे खींचने को लेकर विपक्ष की आलोचना करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि जीएसटी में देरी को लेकर किसी को रोमांचित नहीं होना चाहिए क्योंकि प्रस्तावित अप्रत्यक्ष कर सुधार से राजस्व बढेगा. उन्होंने यह भी कहा, ‘हमें हर हाल में इसे जुलाई में पारित […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 14, 2015 8:09 AM
feature

नयी दिल्ली : जीएसटी विधेयक पर पैर पीछे खींचने को लेकर विपक्ष की आलोचना करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि जीएसटी में देरी को लेकर किसी को रोमांचित नहीं होना चाहिए क्योंकि प्रस्तावित अप्रत्यक्ष कर सुधार से राजस्व बढेगा. उन्होंने यह भी कहा, ‘हमें हर हाल में इसे जुलाई में पारित करवाना है.’ वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक को लोकसभा ने मंजूरी दे दी लेकिन राज्यसभा में यह पारित नहीं हो पाया और इसे प्रवर समिति को भेज दिया गया.

वित्त मंत्री ने कहा, ‘अगर यह (जीएसटी) भारत को एक एकीकृत बाजार बनाने जा रहा है और वस्तुओं एवं सेवाओं के मुक्त प्रवाह को बढावा देता है, मुक्त व्यापार को सुगम बनाता है, राज्यों के राजस्व में इजाफा करता है, केंद्र का राजस्व बढाता है, देश के सकल घरेलू उत्पाद में को बढाता है तो किसी को भी इसके पारित होने में विलम्ब कर रोमांचित नहीं होना चाहिए.’ उन्होंने कहा कि जीएसटी राष्ट्रीय एजेंडा है, इसीलिए जुलाई में जो भी हो हम इसे पारित करेंगे.

जीएसटी सेवा कर, उत्पाद शुल्क और स्थानीय करों का स्थान लेगा. सरकार का एक अप्रैल 2016 से जीएसटी को लागू करने का प्रस्ताव है. प्रवर समिति द्वारा अपनी रिपोर्ट मानसून सत्र के पहले सप्ताह में राज्यसभा में पेश किया जाना है जो जुलाई में संभवत: शुरू होगा. अरुण जेटली ने कहा, ‘उसके बाद सदन जो भी सुझाव आता है, उसे मंजूरी दे सकता है. दूसरे सदन में पहुंचने में इसे केवल आधा दिन लगेगा.

यह समय लगने वाली प्रक्रिया नहीं है.’ उन्होंने कहा, ‘जीएसटी राजनीतिक एजेंडा नहीं है.’ उन्होंने कहा कि विधेयक को इसी सत्र में पारित हो जाना चाहिए था क्योंकि वित्त पर संसद की स्थायी समिति ने इसे देख लिया था और ज्यादातर सिफारिशों को स्वीकार कर लिया गया था.

जेटली ने कहा, ‘और कुछ अन्य कारणों से प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस पार्टी ने इसे एक और समिति के पास भेजने का निर्णय किया. यह दिलचस्प था क्योंकि यह उनका विधेयक था और स्थायी समिति द्वारा इसमें सुधार किया गया था.’ उन्होंने कहा, ‘इसके अलावा अधिकार प्राप्त समिति से संबद्ध कांग्रेस के अपने मुख्यमंत्रियों ने भी इसे मंजूरी दी थी.’

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें

Business

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version