यह घटना ऐसे समय में सामने आई है जबकि अमेरिका में आव्रजन सुधारों को लेकर बहस चल रही है और अस्थायी कामकाजी वीजा इस विवाद के केंद्र में है. न्यूयार्क टाइम्स की एक रपट के अनुसार डिज्नी के लगभग 250 कर्मचारियों को अक्तूबर में कहा गया कि उन्हें हटा दिया जाएगा.
इनमें से ज्यादातर नौकरियां भारत स्थित एक आउटसोर्सिंग कंपनी द्वारा लाये गये एच1 बी वीजाधारकों को दिये गये हैं. अखबार ने कल अपनी रपट में कहा कि एच1-वीजा कार्यक्रम की इस बात के लिए भी आलोचना हो रही है क्योंकि इसका इस्तेमाल आव्रजकों को लाने के लिए किया जाता है जो कि वही काम अमेरिकी नागरिकों की तुलना में कम पैसे में करते हैं.
इस छंटनी से डिज्नी के कर्मचारियों में रोष है जिनका कहना है कि उन्हें अपनी जगह आये लोगों को वही काम सिखाना पडा जिनसे उन्हें हटाया गया है. डिज्नी के अधिकारियों ने इस छंटनी को पुनर्गठन कार्यक्रम का हिस्सा बताया है.
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