नई दिल्ली:एम्प्लाइज प्रोविडेंट फण्ड आर्गेनाईजेशन (ईपीएफ़ओ) ने एम्प्लाइज प्रोविडेंट फंड्स एंड मिसलेनियस प्रोविजंस एक्ट,1952 के तहत सभी नियोक्ताओं के लिए यूनिवर्सल अकाउंट नंबर यानी सर्वव्यापी खाता संख्या (यूएएन) सोमवार को अनिवार्य कर दिया.
यूएएन सुविधा की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा पिछले साल अक्तूबर में की गई थी. सरकार के विचार में इस प्रस्ताव के अनिवार्य होने सेनियोक्ताओं को लाभ प्राप्त हो सकता है.औपचारिकताओं को पूरा करने की सीमा अगस्त 25 की तय की गयी है.ईपीएफओ के केन्द्रीय भविष्य निधि आयुक्त के.के. जालान ने पिछले सप्ताह बेंगलूरू में करीब 150 नियोक्ताओं की बैठक के बाद कहा ‘तय सीमा के बाद आदेश का अनुपालन करने में विफल रहने पर कर्मचारी भविष्य निधि योजना, 1952 एवं अन्य लागू कानूनों में दिये गए अधिकारों के तहत कार्रवाई की जाएगी.’
पिछले साल जुलाई में ईपीएफओ ने नियोक्ताओं के लिए चार करोड़ से अधिक यूएएन जारी किये तथा पैन, बैंक खाते और आधार की तरह केवाईसी विवरण के साथ इन खातों की प्रक्रिया शुरू की.
यूएएन एक ऐसी संख्या है जिसका इस्तेमाल कर्मचारी जीवनभर कर सकती है. यूएएन के तहत उन्हें नौकरी बदलने पर पीएफ हस्तांतरण दावों के लिए आवेदन करने की बोझिल प्रक्रिया के माध्यम से जाने की जरूरत नहीं है।
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