नयी दिल्ली : आर्थिक क्षेत्र में कमजोर प्रदर्शन को दर्शाते हुये चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में देश की आर्थिक वृद्धि दर कमजोर पडकर सात प्रतिशत रह गयी, वहीं जुलाई में बुनियादी उद्योगों की उत्पादन वृद्धि तीन महीने के निम्न स्तर 1.1 प्रतिशत रह गयी. ऐसे में आर्थिक वृद्धि बढाने के लिये एक बार फिर रिजर्व बैंक द्वारा नीतिगत दर में कटौती और अहम नीतिगत सुधारों को आगे बढाने का दबाव बढ गया है.
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